बिहार पुलिस ने रचा इतिहास:, बक्सर से सारण तक गूंजा इंसाफ़ का बिगुल,15 दोषियों को उम्रकैद, लाखों का जुर्माना

बिहार में अदालतों ने इस बार कानून की किताब का सबसे सख्त पन्ना खोल दिया। सिर्फ एक दिन में 15 अपराधियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई और साथ ही लाखों रुपये का जुर्माना भी ठोका गया। अदालतों के इस फैसले ने साफ कर दिया कि अब अपराध, चाहे कितना भी पुराना या ताकतवर क्यों न हो, उसकी मंज़िल जेल की सलाखों के सिवा और कुछ नहीं होगी...

बिहार पुलिस ने रचा इतिहास:, बक्सर से सारण तक गूंजा इंसाफ़ का बिगुल,15 दोषियों को उम्रकैद, लाखों का जुर्माना
DGP VINAY KUMAR-BABITA MISHRA

बिहार में अदालतों ने इस बार कानून की किताब का सबसे सख्त पन्ना खोल दिया। सिर्फ एक दिन में 15 अपराधियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई और साथ ही लाखों रुपये का जुर्माना भी ठोका गया। अदालतों के इस फैसले ने साफ कर दिया कि अब अपराध, चाहे कितना भी पुराना या ताकतवर क्यों न हो, उसकी मंज़िल जेल की सलाखों के सिवा और कुछ नहीं होगी।

पाँच दोषियों को आजीवन कारावास
बक्सर की अदालत से शुरुआत करें तो नगर थाना क्षेत्र में दर्ज संगीन जुर्म और आर्म्स एक्ट के तहत पाँच दोषियों को आजीवन कारावास की सख़्त सज़ा दी गई, साथ ही ₹2 लाख 10 हज़ार का जुर्माना भी ठोका गया। ये सज़ा अदालत के इस यक़ीन को मज़बूत करती है कि हथियारबंदी और हिंसा के लिए इस धरती पर कोई जगह नहीं

4 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई
वहीं सारण ज़िले की अदालत ने तरैया कांड में 4 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। प्रत्येक पर ₹40 हज़ार का आर्थिक दंड भी लगाया गया। इस मुक़दमे में अदालत ने गवाहों की गवाही और पुख्ता सबूतों के आधार पर यह फैसला सुनाया। इतना ही नहीं मोतिहारी के पहाड़पुर कांज मामले में भी अदालत का रवैया बेहद सख़्त रहा। चार दोषियों को उम्रकैद के साथ-साथ ₹50 हज़ार जुर्माने की सज़ा मिली। यह मामला स्थानीय लोगों के लिए अब भी दर्दनाक याद है, और अब यह फैसला एक मिसाल बन गया है।

अपराधों के लिए कोई नरमी नहीं बरती जाएगी
वहीं गया ज़िले में संगीन अपराध में 1 दोषी को उम्रकैद और ₹50 हज़ार का जुर्माना सुनाया गया। अदालत ने साफ़ कहा कि इस तरह के अपराधों के लिए कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। बता दें कि सबसे अलग और दर्दनाक मामला भोजपुर (शाहपुर) का था, जिसमें एक नाबालिग़ पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी को 20 साल की कैद और ₹25 हज़ार का जुर्माना सुनाया।अदालत का यह फ़ैसला उन तमाम मासूमों के लिए उम्मीद की किरण है, जिनके साथ ज़ुल्म हुआ है।

अदालतों का स्पष्ट संदेश
बता दें कि इन तमाम मुक़दमों में पुलिस ने बेहतरीन तरीक़े से काम करते हुए पुख़्ता सबूत जुटाए और अदालत के सामने पेश किए। गवाहों की गवाही और दस्तावेजी सबूतों ने इंसाफ की राह आसान कर दी।यह सामूहिक कार्रवाई न केवल अपराधियों के लिए चेतावनी है, बल्कि बिहार में कानून के राज को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। अदालतों का स्पष्ट संदेश है—चाहे अपराध कितना भी संगीन क्यों न हो, कानून की पकड़ से कोई नहीं बच सकता। दरअसल  बिहार में यह दिन कानून के लिए ऐतिहासिक रहा।यह फैसला सिर्फ 15 अपराधियों की सज़ा नहीं, बल्कि बिहार के हर नागरिक के लिए एक भरोसा है कि न्याय जिंदा है।