पवन सिंह और मनीष कश्यप की मुलाकात से बिहार की सियासत गरम, जन सुराज में शामिल हो सकते हैं दोनों?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और ऐसे में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह और यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप की एक साथ हुई मुलाकात ने सियासी हलकों में नई हलचल मचा दी है। लखनऊ में दोनों की हुई इस मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसे लेकर चर्चाओं का बाजार...
                                बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और ऐसे में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह और यूट्यूबर से नेता बने मनीष कश्यप की एक साथ हुई मुलाकात ने सियासी हलकों में नई हलचल मचा दी है। लखनऊ में दोनों की हुई इस मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
‘जन सुराज’ का दामन थाम सकते हैं
बताया जा रहा है कि यह मुलाकात महज औपचारिक नहीं थी, बल्कि किसी बड़े राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा कर रही है। पवन सिंह की मां के साथ मनीष कश्यप की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें वे आशीर्वाद लेते दिख रहे हैं। इस तस्वीर ने इस भेंट को और भी अहम बना दिया है। वहीं सूत्रों की मानें तो 25 जून से पहले पवन सिंह और मनीष कश्यप, प्रशांत किशोर की पार्टी ‘जन सुराज’ का दामन थाम सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो यह बिहार की सियासत में एक बड़ा घटनाक्रम साबित हो सकता है।
राजनीतिक असर क्या हो सकता है?
बता दें कि पवन सिंह जहां भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम हैं, वहीं मनीष कश्यप युवाओं और ग्रामीण जनता के बीच लोकप्रियता रखते हैं। अगर ये दोनों मिलकर राजनीति में सक्रिय होते हैं, तो यह युवाओं और मध्यवर्गीय वोटरों के बीच एक नया राजनीतिक विकल्प बन सकता है।फिलहाल, ये देखना दिलचस्प होगा कि यह मुलाकात किसी गठबंधन की नींव रखती है या सिर्फ एक औपचारिक भेंट बनकर रह जाती है। लेकिन इतना तय है कि इस मुलाकात ने बिहार के सियासी गलियारों में एक नई बहस जरूर छेड़ दी है।
दोनों को हार का सामना करना पड़ा
गौरतलब हो कि पवन सिंह ने हाल ही में काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, हालांकि जीत उनके हाथ नहीं लगी। इस सीट पर एनडीए के उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा भी मैदान में थे, लेकिन दोनों को हार का सामना करना पड़ा। तब से पवन सिंह भाजपा से थोड़ा दूर नजर आ रहे हैं। मनीष कश्यप ने भी भाजपा से किनारा कर लिया है। पीएमसीएच में मारपीट के एक विवाद के बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी और पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए थे। अब जब दोनों पूर्व भाजपा समर्थक एक साथ नजर आए हैं, तो इसे आगामी बिहार चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।








                    
                
                    
                
                    
                
                    
                
                    
                
                    
                
                    
                




