बिहार की काली सड़क बिहारियों के खून से हो रही लाल, बलथरी चेक पोस्ट और गोपालगंज जिला प्रशासन के अधिकारियों को चाहिए माल

बिहार की काली सड़क बिहारियों के खून से हो रही लाल, बलथरी चेक पोस्ट और गोपालगंज के जिला प्रशासन के अधिकारियों को चाहिए माल( पैसा)। बलथरी चेक एक ऐसा चेक पोस्ट है जहां बिहार की लगभग 90% बसें जो दिल्ली , राजस्थान, लुधियाना के वहां से बिना पेपर के गाड़ियां धड़ले से निकल रही होती हैं और वहां पर बैठे हुए करारोपण पदाधिकारी..

बिहार की काली सड़क बिहारियों के खून से हो रही लाल, बलथरी चेक पोस्ट और गोपालगंज जिला प्रशासन के अधिकारियों को चाहिए माल

बिहार की काली सड़क बिहारियों के खून से हो रही लाल, बलथरी चेक पोस्ट और गोपालगंज के जिला प्रशासन के अधिकारियों को चाहिए माल( पैसा)। बलथरी चेक एक ऐसा चेक पोस्ट है जहां बिहार की लगभग 90% बसें जो दिल्ली , राजस्थान, लुधियाना के वहां से बिना पेपर के गाड़ियां धड़ले से निकल रही होती हैं और वहां पर बैठे हुए करारोपण पदाधिकारी,  डीटीओ सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। बिहार की काली सड़कें अगर खून से लाल हो रही हैं तो उसमें बिहार के परिवहन विभाग के अधिकारियों का बहुत बड़ा हाथ है। आज से कुछ ही महीने पहले उत्तर प्रदेश के उन्नाव में एक बहुत बड़ा बस हादसा हुआ था। जिसमें बिहार के लगभग 18 लोगों की मौत हो गई थी। कैसे हुआ ये सबको पता है। उसके बाद बिहार की परिवहन विभाग ने खानापूर्ति के नाम पर गोपालगंज के बलथरी चेक पोस्ट पर कुछ दिनों तक जबरदस्त चेकिंग चलाया था। 

परिवहन विभाग की ऐसे होती है खानापूर्ति

जो भी गाड़ियां बिहार से बाहर जा रही थी उन सबों की जांच हो रही थी लेकिन आखिरकार 18 मौतों के बाद फिर बिहार की परिवहन विभाग कान में सरसों तेल और रुई डाल के सो गई। कान में नोट, दांत में नोट, मुंह में नोट और हर जगह नोट ठूस के लोगों की मौत का मातम मनाते हुए फिर अपनी खुशियां जाहिर करने लगी। वहीं बिहार की परिवहन मंत्री ने उस समय बहुत अच्छा अच्छा बात बोला था और उनके आदेश पर दो चार दिनों तक एस ड्राइव चला। इस दौरान बहुत सारे लोग भी पकड़ाए।  दो ,चार ,10, 20 बस पकड़ाया। जबतक लोगो का 13वीं खत्म हुआ तब तक बिहार के परिवहन विभाग की ये फॉर्मेलिटी भी खत्म हो गई।

काली सड़कें खून से लाल

अब बात एक खबर की करते हैं जहां गोपालगंज के रिपोर्टर द्वारा एक वीडियो भेजा गया है जिसे देखकर यह समझते देर नहीं लगेगी की  आखिरकार भारत की काली सड़कें खून से लाल क्यों हो रही हैं और पॉकेट का फिटनेस करने वाले एमबीआई जो अब करारोपण पदाधिकारी बनके चेक पोस्ट बलथरी पे बैठे हुए हैं उन्होंने किस तरीके से खुली छूट दे दी है। बतादें कि बलथरी चेकपोस्ट से सैकड़ों गाड़ियां हर दिन निकलती है इन गाड़ियों का किसी का परमिट फेल है। किसी का टैक्स फेल है और गाड़ियां प्रॉपर वे में बनी हुई नहीं है।

परिवहन के अधिकारियों का बहुत बड़ा हाथ

बता दें कि निशांत कुमार करारोपण पदाधिकारी एमबीआई रह चुके और इनको बेहतर तरीके से पता है कि बसों का किस तरीके से बनावट होता है किस तरीके से जुर्माना होता है और किस तरीके से गाड़ियों को सीज करना है लेकिन उसके बावजूद बिहार ही नहीं भारत की काली जो सड़कें हैं उसको खून से लाल करने में बलथरी चेक पोस्ट के परिवहन के अधिकारियों का बहुत बड़ा हाथ है ।

बिना पेपर के धड़ले से निकल रही गाड़ियां

बतादें कि रिपोर्टर द्वारा भेजे गए वीडियो में एक बस को दिखाया गया है। इस बस का नंबर है यूपी 86T 5227। बिहार में जो इस बस पर  जुर्माना लगाया गया 2021और 2022 के बाद आज तक इस बस वाले ने कभी जुर्माना जमा नहीं किया। क्योंकि इनको पता है बिहार और उत्तर प्रदेश का एक जगह है गोपालगंज, जहां बलथरी चेक पोस्ट बना हुआ है और उस चेक पोस्ट से बिहार की लगभग 90% बसें जो दिल्ली , राजस्थान, लुधियाना के लिए जाती हैं। वहां से बिना पेपर के गाड़ियां धड़ले से निकल रही होती हैं। और वहां पर बैठे हुए करारोपण पदाधिकारी,  डीटीओ सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। 

जिला कहिए या कमाने का साधन

खानापूर्ति कैसी क्योंकि जिला परिवहन पदाधिकारी गोपालगंज तीन-तीन जिलों की मालिक हैं। जिला मतलब यह समझिए कि एक हो गया मोतिहारी जहां पे वो 47500 की गाड़ियों को 55 टन में पास कर रही हैं। रकम 2 से ₹2.5 लाख आप दीजिए पास हो जाएगा। दूसरा जिला हो गया गोपालगंज, तीसरा जिला कहिए या कमाने का साधन कहिए। बलथरी चेक पोस्ट जहां पर इनकी ड्यूटी जबरदस्त तरीके से लगी हो करारोपण पदाधिकारी के साथ। आपको पता होगा अगर कोई भी आदमी अगर जिला का मालिक है जिला का सेवक है जिला का अधिकारी है तो वह हर हाल में काम करवाता है ना कि काम करता है,।

 चेक पोस्ट पर वसूली मेन रखा गया है

वहीं जब टैक्स वसूलने के लिए इनको बैठाया गया करारोपण पदाधिकारी को या डीटीओ साहब को तो  इन्होंने एक असिस्टेंट रख लिया। क्योंकि इनको इनका कमाया हुआ हिस्सा जो बिहार की गरीब जनता के खून से लाल है वो इनके दरवाजे तक पहुंचना चाहिए। आप मर जाइए उससे इनको कोई मतलब नहीं है और बिहार की परिवहन विभाग जो 31 मार्च तक अपने 3600 करोड़ वसूलने पर पीठ थपथपा रही थी और पांच लाख प्रत्येक मृत्यु पर ये बिहार की गरीब जनता को एक रकम भी देते हैं, लेकिन इनके एक-एक अधिकारी जो तीन-तीन जिले के या तीन-तीन जगहों के प्रभार में है। डीटीओ साहिबा इनके द्वारा किस तरीके से गोपालगंज के बलथरी चेक पोस्ट पर लगातार वसूली मेन रखा गया है।

किरानी का चेक पोस्ट पर क्या काम

वहीं गोपालगंज के बलथरी चेक पोस्ट पर बैठे हुए किरानी वहां क्या करते हैं। उनका उस चेक पोस्ट पर क्या काम। जबकि परिवहन विभाग में ऐसे ही किल्लत रहता है बहुत सारे किरानी तो ऐसे हैं जिनको कि डीएम साहब के ऑफिस से  डीटीओ साहब के द्वारा या डीटीओ साहिबा के द्वारा बुलवाया जाता है और उसी किरानी को वसूली मेन मतलब एजेंट बना के उसको बलथरी चेक पोस्ट जैसे जगहों पर पदस्थापित कर दिया जाता है। क्योंकि डीटीओ की ड्यूटी वहां रहती है। लेकिन मुद्दे की बात यह है कि जब डीटीओ वहां नहीं है तो ड्यूटी कैसी।

गाड़ी पर 2 लाख से ढाई लाख जुर्माना

वहीं  अब बात रही राजस्व वसूलने की आखिरकार करारोपण पदाधिकारी जो बलथरी चेक पोस्ट के हैं वो यह बताएं कि आखिरकार ये गाड़ियां  बिहार से गुजर कैसे रही हैं और जो परिवहन विभाग 3600 करोड़ वसूलने के लिए बहुत सारे अधिकारियों को सो कॉज कर दिया।बहुत सारे अधिकारियों का वेतन रुक गया। वहीं इस गाड़ी पर 2 लाख से ढाई लाख बिहार का जुर्माना है और 2021 से जुर्माना है इस गाड़ी को अभी तक जप्त क्यों नहीं किया गया।

अधिकारी करवा रहे मौत का तांडव

 यह बिहार के परिवहन विभाग के अधिकारी बताएं आखिरकार उनके नजरों के सामने से यह बसें कैसे गुजर रही हैं। गोपालगंज के बलथरी चेक पोस्ट पर ये अधिकारी कैसे बैठ के मौत का खुला तांडव करवा रहा है। यह देखने की बात है। हालांकि हमारे रिपोर्टर ने जिलाधारी महोदय से संपर्क करने का प्रयास किया । उन्होंने बोला है कि बहुत जल्द समय देंगे। उसके बाद देशवा न्यूज़ की टीम पहुंचेगी और फिर जिलाधारी महोदय से पूछा जाएगा कि आप टैक्सेशन के अधिकारी हैं। आप गोपालगंज जिले में राजस्व को वसूलने का आप पर पूरा का पूरा जिम्मेदारी दिया गया है तो फिर यह बसें कैसे  बलथरी चेक पोस्ट पार करके आ -जा  रहीं हैं। 

बसों को बांटा जा रहा मौत का लाइसेंस

 कोई बस राजस्थान से तो कोई बस उत्तर प्रदेश से रजिस्टर्ड है। कोई बस जम्मू कश्मीर से रजिस्टर्ड है और कुछ बसें ऐसी हैं जिनको गोपालगंज से रजिस्टर्ड करवाया गया है और दलालों के द्वारा खुलेआम इन बसों से 2 से ₹3000 लिया जाता है और बसों को मौत का लाइसेंस बांटा जाता है।

सैकड़ों लोगों के मौत का जिम्मेदार कौन

 बता दें कि 26 लोग पहलगाम में मर गया। उसके लिए भारत सरकार पाकिस्तान पर हमला कर रही है लेकिन सैकड़ों लोगों के मौत के जिम्मेदार करारोपण पदाधिकारी कहिए एडीटीओ साहब कहिए भूतपूर्व के एमबीआई साहब कहिए या निशांत कुमार कहिए यह चेक पोस्ट पर बैठ के वसूली का पूरा का पूरा तांडव करवा रहे हैं और वसूली मेन के रूप में इनको बैठाया गया है। उनपर कोई कार्रवाई नहीं।

 जिलाधिकारी को भी देना होगा जवाब

बता दें कि  देशवा न्यूज़ की टीम के द्वारा जवाब जिलाधिकारी भी देंगे। बिहार राज्य के परिवहन आयुक्त भी देंगे और सेक्रेटरी भी देंगे क्योंकि लोगों की मौत की बात है क्योंकि लोग बिहार सरकार के राजस्व की बात है और बलथरी चेक पोस्ट पर बैठे हुए अधिकारियों के द्वारा जो लूट मचाया जा रहा है उसकी बात है। देशवा न्यूज़ या देशवा ट्रांसपोर्ट न्यूज़ बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है एक अच्छा गाना आप लोगों ने सुना होगा बस यही कहना चाहूंगा कि इन भ्रष्टाचारियों पर लगातार प्रहार करते रहेंगे। 

कारवाई सरकार करे या सरकार से करवाया जाए, कौन करवाएगा माननीय न्यायालय करवाएगा, हम या आप आम जनता नहीं करवा सकते हैं। क्योंकि जिसके पास पावर है। वहीं काम करवा सकता है। बहुत जल्द आपको बताएंगे जिसमें जिला परिवहन पदाधिकारी गोपालगंज जो तीन-तीन जिलों के वसूली में इनकी सरदार बनी हुई हैं। इनका एक-एक कुंडली एक-एक पोल आपको खोल के बताऊंगा। 47,500 वाली गाड़ियों को कैसे यह मोतिहारी में 55 टन में पास कर रही हैं। चार्ज है 2 लाख यह मैं या हमारा चैनल नहीं कह रहा है यह पेपर बोलेगा जिस पेपर के आधार पर इन परवाद दायर हुआ है और उसको दबाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। निशांत कुमार करारोपण पदाधिकारी या डीटीओ साहब महीने में कितनी ड्यूटी लेके बैठे हैं एक-एक चीज एक-एक बिंदु पर आपसे बातचीत होगी आपके पास भी कोई सूचना या संदेश है तो इस मोबाइल नंबर  पर 790335848  शेयर किजिए।