बिहार के आईपीएस अमित लोढ़ा पर गहराया संकट, नीतीश सरकार ने दी मुकदमे की मंजूरी
राज्य अभिलेख ब्यूरो में एडीजी के पद पर कार्यरत 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। एसवीयू ने 7 दिसंबर, 2022 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998 के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच में पाया गया कि उनके पास 2 करोड़ 50 लाख रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति है। एसवीयू ने 2024 में ही राज्य सरकार से अभियोजन की अनुमति मांगी थी, जिसे अब जाकर......

बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। राज्य सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। अब केंद्र सरकार की सहमति मिलने का इंतजार है। मंजूरी मिलते ही विशेष निगरानी इकाई (SVU) अदालत में चार्जशीट दाखिल करेगी।
भ्रष्टाचार और संपत्ति का मामला
राज्य अभिलेख ब्यूरो में एडीजी के पद पर कार्यरत 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा पर आय से अधिक संपत्ति रखने का आरोप है। एसवीयू ने 7 दिसंबर, 2022 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998 के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था। जांच में पाया गया कि उनके पास 2 करोड़ 50 लाख रुपये से ज्यादा की अवैध संपत्ति है। एसवीयू ने 2024 में ही राज्य सरकार से अभियोजन की अनुमति मांगी थी, जिसे अब जाकर मंजूरी मिली है।
व्यावसायिक करार पर भी सवाल
बिहार के सुपरकॉप कहे जाने वाले अमित लोढ़ा पर यह भी आरोप है कि उन्होंने सरकारी पद पर रहते हुए वित्तीय अनियमितताएं कीं और निजी लाभ के लिए नेटफ्लिक्स और फ्राइडे स्टोरी टेलर के साथ व्यावसायिक कार्य भी किए। जाँच में ये आरोप सही पाए गए थे, जिसके बाद एसवीयू ने केस दर्ज किया। बता दें कि अमित लोढ़ा तब सुर्खियों में आए थे जब गया में आईजी रहते हुए उनका वहां के एएसपी आदित्य कुमार से विवाद हो गया था। इसके बाद दोनों का तबादला कर दिया गया और दोनों के खिलाफ केस दर्ज हुए। आदित्य कुमार को तो निलंबित कर जेल भी जाना पड़ा। आदित्य कुमार पर डीजीपी को फर्जी कॉल कराने का भी आरोप है, और कहा जा रहा है कि वह खुद अमित लोढ़ा को फंसाना चाहते थे।बाद में, एसवीयू ने आदित्य कुमार के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया।
सुपरकॉप से लेखक तक
बता दें कि आईआईटी दिल्ली से पासआउट, अमित लोढ़ा ने अपने करियर में कई बड़े ऑपरेशन किए, जिनमें कुख्यात अपराधी ‘शेखपुरा के गब्बर’ चंदन महतो को पकड़ना सबसे प्रमुख था। अपने अनुभवों को उन्होंने अपनी किताब ‘बिहार डायरीज’ में लिखा, जिस पर बाद में ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ नामक एक सफल वेब सीरीज भी बनी।