भोपाल से नेपाल बॉर्डर तक… अर्चना तिवारी की मिस्ट्री सुलझी,अपहरण नहीं.. प्लानिंग ..घरवालों ने छुपाया सच
इंदौर के सत्कार गर्ल्स हॉस्टल में रहकर सिविल जज बनने का सपना देखने वाली कटनी की अर्चना तिवारी का 13 दिन पुराना रहस्यमयी गुमशुदगी केस आखिरकार सुलझ गया है। अर्चना तिवारी को पुलिस ने नेपाल बॉर्डर से सटे यूपी के लखीमपुर खीरी से सकुशल बरामद कर लिया है।अर्चना को लेकर जीआरपी की टीम भोपाल पहुंच गई है। उसके परिजन भी भोपाल पहुंच चुके हैं। भोपाल रेल पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने बताया कि अर्चना तिवारी को सकुशल बरामद कर ...

इंदौर के सत्कार गर्ल्स हॉस्टल में रहकर सिविल जज बनने का सपना देखने वाली कटनी की अर्चना तिवारी का 13 दिन पुराना रहस्यमयी गुमशुदगी केस आखिरकार सुलझ गया है। अर्चना तिवारी को पुलिस ने नेपाल बॉर्डर से सटे यूपी के लखीमपुर खीरी से सकुशल बरामद कर लिया है।अर्चना को लेकर जीआरपी की टीम भोपाल पहुंच गई है। उसके परिजन भी भोपाल पहुंच चुके हैं। भोपाल रेल पुलिस अधीक्षक राहुल लोढ़ा ने बताया कि अर्चना तिवारी को सकुशल बरामद कर लिया गया है।
रक्षाबंधन पर परिवार ने उसे घर बुलाया था
जीआरपी सूत्रों के अनुसार अर्चना पर परिवार शादी का दबाव डाल रहा था, जबकि वह इस समय शादी के लिए तैयार नहीं थी। रक्षाबंधन पर परिवार ने उसे घर बुलाया था, जहां उसकी मुलाकात एक लड़के और उसके परिजनों से कराई जा सके। इसी दबाव से परेशान होकर अर्चना ने घर से गायब होने की योजना बनाई।सूत्रों के मुताबिक, इस पूरी योजना में अर्चना के इंदौर वाले करीबी दोस्त ने उसकी मदद की। यही दोस्त उसका टिकट बुक कराने से लेकर नेपाल तक घूमाने गया। अर्चना के इंदौर वाले दोस्त का परिचित ग्वालियर में पदस्थ आरक्षक राम तोमर है। अर्चना के दोस्त ने ही राम तोमर से उसका ट्रेन टिकट बुक कराया था। हालांकि, अर्चना के लापता होने में राम तोमर की कोई अन्य भूमिका नहीं है
लापता होने की योजना बनाई
जीआरपी सूत्रों के अनुसार, अर्चना के लापता होने में जिस दोस्त ने उसकी मदद की थी। अर्चना उससे शादी करना चाहती थी। अर्चना के परिजन इस बात से वाकिफ थे, इसलिए वे उसकी शादी जल्द से जल्द अपनी बिरादरी में करना चाहते थे। करियर बनाने की बात कहकर अर्चना अब तक शादी टालती आ रही थी, लेकिन जब परिजन उसे और समय देने के लिए तैयार नहीं हुए, तो उसने लापता होने की योजना बनाई। दिलचस्प बात ये है कि परिजनों को अर्चना के नेपाल जाने की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने पुलिस से यह राज छुपा लिया और बार-बार उसके अपहरण या गुमशुदगी का आरोप लगाते रहे।
उसका फोन भी बंद हो गया
गौरतलब हो कि कटनी निवासी अर्चना तिवारी इंदौर के सत्कार छात्रावास में रहकर सिविल जज की तैयारी कर रही थी। सात अगस्त को वह रक्षाबंधन पर घर जाने के लिए इंदौर से नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच बी-3 की सीट पर यात्रा कर रही थी। भोपाल के रानीकमलापति रेलवे स्टेशन के पास तक वह अपनी सीट पर देखी गई, लेकिन उसके बाद वह वहां नहीं मिली और उसका फोन भी बंद हो गया।