सीएम नीतीश के कार्यक्रम में जोरदार हंगामा.. फंस गए डीएम,बोले-कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए उठाया गया यह कदम
पूर्व पीएम चंद्रशेखर सिंह की जयंती पर कंकड़बाग स्थित बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया था। इस मौके पर सीएम के साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पूर्व मंत्री श्याम रजक भी मौजूद थे। कार्यक्रम शुरू होते ही कुछ लोगों...

पूर्व पीएम चंद्रशेखर सिंह की जयंती पर कंकड़बाग स्थित बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया था। इस मौके पर सीएम के साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पूर्व मंत्री श्याम रजक भी मौजूद थे। कार्यक्रम शुरू होते ही कुछ लोगों ने विरोध करने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हें समय रहते रोक लिया। आरोप है चंद्रशेखर पार्क की जमीन को निजी स्कूल को दे दिया गया है।
कार्यक्रम स्थल पर भारी सुरक्षा व्यवस्था
बता दें कि कार्यक्रम स्थल पर भारी सुरक्षा व्यवस्था थी, इसके बावजूद लोगों में नाराजगी साफ दिखी। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद लोगों ने जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के सामने अपनी बातों को रखा। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि जमीन को हाईकोर्ट के निर्देश के तहत निजी शिक्षण संस्थान को आवंटित किया गया है। शुरुआत में स्थानीय लोगों ने ही पार्क को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद कोर्ट ने शैक्षणिक उपयोग की इजाजत दी थी। यदि आपत्ति है तो फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए यह कदम उठाया-चंद्रशेखर
पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि चंद्रशेखर पार्क की जमीन को पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद एक निजी शैक्षणिक संस्थान को सौंपा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले इसी जमीन को लेकर स्थानीय लोगों ने अदालत में याचिका दाखिल की थी, जिसमें पार्क के निर्माण की मांग की गई थी। लेकिन अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह निर्णय लिया कि उक्त भूमि शैक्षणिक उपयोग के लिए दी जा सकती है। इसलिए प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए यह कदम उठाया है।
जमीन को लैंड माफिया को दे दिया गया
वहीं, कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि यह पार्क न सिर्फ बुजुर्गों लिए सैर-सपाटे की जगह थी, बल्कि युवाओं के लिए खेल-कूद और प्रशिक्षण का केंद्र भी था। दौड़ने के लिए 100 रुपए खर्च करके गांधी मैदान जाना पड़ता है। इस जमीन को लैंड माफिया को दे दिया गया है। सरकार से निवेदन करते हैं कि इस ग्राउंड को हमलोगों को दे दिया जाए।