जीतनराम मांझी ने पीके और RCP सिंह को बताया कीटाणु-विषाणु, बोले- बिहार को विषाक्त करने के लिए दोनों एक साथ आए हैं
बिहार में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधि काफी बढ़ चुकी हैं। चुनाव के पहले ही नेताओं के पार्टी छोड़ने और नई पार्टी में शामिल होने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह आज रविवार को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज पार्टी में शामिल हो गए हैं। जिस पर केंद्रीय मंत्री और..

बिहार में इस साल होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधि काफी बढ़ चुकी हैं। चुनाव के पहले ही नेताओं के पार्टी छोड़ने और नई पार्टी में शामिल होने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह आज रविवार को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज पार्टी में शामिल हो गए हैं। जिस पर केंद्रीय मंत्री और हम के संरक्षक जीतनराम मांझी ने हमला बोला है। उन्होने प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह को कीटाणु और विषाणु बताया है।
जनता के पास एक एंटीवायरस है-मांझी
केंद्रीय मंत्री और हम के संरक्षक जीतनराम मांझी ने कहा कि बिहार को विषाक्त करने के लिए दोनों एक साथ आए हैं। लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि जनता के पास एक एंटीवायरस है, जिसका नाम एनडीए है। मांझी ने कहा कि बिहार को विषाक्त करने के मकसद से कीटाणु और विषाणु एक साथ आए हैं। पीके और आरसीपी जैसे नेता आपस में मिलकर ये सोच रहे हैं कि वो जनता को बर्बाद कर देंगे, लेकिन शायद उन्हें नहीं मालूम कि बिहार की जनता के पास एक ऐसा एंटीवायरस है, जिसका नाम एनडीए है।
दोनों राजनीतिक तौर पर असफल लोग-मांझी
जीतनराम मांझी ने कहा कि पीके और आरसीपी की जोड़ी को ये समझना चाहिए कि एनडीए का एंटीवायरस किसी भी वायरस से निपटने में कारगर है। उन्होंने कहा कि कि प्रशांत किशोर हों या आरसीपी सिंह ये दोनों राजनीतिक तौर पर असफल लोग हैं। जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि इससे हास्यास्पद स्थिति और क्या हो सकती है कि 6 महीने 18 दिन पहले नई पार्टी बनाने वाले आरसीपी सिंह ने उसका विलय प्रशांत किशोर की उस जन सुराज पार्टी में कर दिया, जिसे बने अभी केवल 7 महीने 16 दिन हुए हैं। यह तथ्य बताने को काफी है कि इन दोनों का कोई जनाधार नहीं है।उन्होंने कहा कि ये दोनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम कर चुके हैं, लेकिन अगर ये दोनों वहां टिककर नहीं रह पाए तो इसकी सबसे बड़ी वजह ये रही कि दोनों का व्यक्तिगत स्वार्थ सबसे ऊपर रहा।