PMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से ठप हुई स्वास्थ्य सेवाएँ; दो हजार से अधिक मरीज लौटे

राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल PMCH में बुधवार को  जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बाद OPD और इमरजेंसी दोनों सेवाएँ पूरी तरह प्रभावित हो गईं। हालात ऐसे बने कि 2,000 से अधिक मरीज बिना इलाज वापस लौट गए, और करीब 100 नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सका।हड़ताल की शुरुआत उस समय हुई जब 70 वर्षीय सुरेश सिंह की मौत की जानकारी देने पर उनके परिजनों और डॉक्टरों.....

PMCH में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से ठप हुई स्वास्थ्य सेवाएँ; दो हजार से अधिक मरीज लौटे

पटना। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल PMCH में बुधवार को  जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के बाद OPD और इमरजेंसी दोनों सेवाएँ पूरी तरह प्रभावित हो गईं। हालात ऐसे बने कि 2,000 से अधिक मरीज बिना इलाज वापस लौट गए, और करीब 100 नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा सका।हड़ताल की शुरुआत उस समय हुई जब 70 वर्षीय सुरेश सिंह की मौत की जानकारी देने पर उनके परिजनों और डॉक्टरों के बीच विवाद बढ़कर मारपीट में बदल गया।मेडिसिन इमरजेंसी में हुई इस घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों ने विरोध जताते हुए तुरंत OPD-इमरजेंसी सेवाएँ स्थगित कर दीं।

परिजनों का आरोप
मृतक के बेटे अमन सिंह और परिवारजनों ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि डॉक्टरों ने हेलमेट, लाठी-डंडे और स्टिक से हमला किया। उनकी बहन से बदसलूकी की गई। पूरा घटनाक्रम उनके मोबाइल में वीडियो के रूप में मौजूद है। अमन सिंह ने बताया कि उनके पिता को 30 नवंबर को ब्रेन हेमरेज हुआ था और तीन दिन से PMCH में भर्ती थे। बुधवार सुबह उनकी हालत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। उन्होंने कहा मेरी बहन आई तो पिता जी की बॉडी उसे गरम लगी तो उसने डॉक्टर से रिक्वेस्ट की। सर, एक बार और देख लीजिए ना, बॉडी गरम लग रही है अभी। इसी बात पर डॉक्टर भड़क गए और कहने लगा कि डॉक्टर हम हैं कि तुम लोग हो। तुम पागल हो क्या। मेरी बहन बोली कि आप लोग ऐसे कैसे बोल सकते हैं। इस पर डॉक्टर ने मेरी बहन के हाथ पर मारा, जो वीडियो मेरे मोबाइल में रिकॉर्ड है। 

डॉक्टरों का दावा
वहीं जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) ने परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि परिजनों ने महिला डॉक्टरों सहित कई रेजिडेंट डॉक्टरों पर हमला किया। बार-बार अनुरोध के बावजूद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं की। ऐसी घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं, जिससे डॉक्टरों की सुरक्षा संकट में है। इसके बाद जेडीए ने तत्काल हड़ताल का ऐलान किया।डॉक्टरों का कहना है कि बार-बार सुरक्षा की मांग के बावजूद अस्पताल प्रशासन कोई प्रभावी कदम नहीं उठाता, जिससे ऐसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। एसोसिएशन का कहना है कि उनकी 3 मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। बता दें कि घटना के बाद मृतक पक्ष और डॉक्टरों—दोनों ने ही पुलिस में लिखित शिकायत दी है। पुलिस ने कहा है कि वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।