पटना ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार: ऑटो और ई-रिक्शा पर लगेगा बारकोड
पटना कमिश्नरी ने यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब जिले में चलने वाले सभी परमिट प्राप्त ऑटो और ई-रिक्शा पर बारकोड लगाना अनिवार्य होगा। इस बारकोड को स्कैन करके यात्री आसानी से वाहन और चालक की पूरी जानकारी देख सकेंगे। इससे उन्हें न सिर्फ सुरक्षित यात्रा का भरोसा मिलेगा बल्कि प्रवर्तन टीम को भी निगरानी और कार्रवाई में बड़ी मदद मिलेगी। बिना बारकोड के चलने वाले वाहनों.....

पटना कमिश्नरी ने यात्रियों की सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर बड़ा कदम उठाया है। अब जिले में चलने वाले सभी परमिट प्राप्त ऑटो और ई-रिक्शा पर बारकोड लगाना अनिवार्य होगा। इस बारकोड को स्कैन करके यात्री आसानी से वाहन और चालक की पूरी जानकारी देख सकेंगे। इससे उन्हें न सिर्फ सुरक्षित यात्रा का भरोसा मिलेगा बल्कि प्रवर्तन टीम को भी निगरानी और कार्रवाई में बड़ी मदद मिलेगी। बिना बारकोड के चलने वाले वाहनों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा।
रिजर्व ऑटो और ई-रिक्शा के लिए अलग से एक जोन
बता दें कि यह नई व्यवस्था केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है। पटना जैसे व्यस्त और भीड़भाड़ वाले शहर में ऑटो और ई-रिक्शा का परिचालन ट्रैफिक जाम की बड़ी वजह माना जाता रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने शहर को तीन जोनों—पीला, नीला और हरा— में बांटा है। हर वाहन को अपने निर्धारित जोन में ही चलने की अनुमति होगी। रिजर्व ऑटो और ई-रिक्शा के लिए अलग से एक जोन बनाया गया है, ताकि यातायात अधिक सुचारू और अनुशासित रहे।
परमिट प्रक्रिया में भी डिजिटल सुधार
वहीं परिवहन विभाग परमिट प्रक्रिया में भी डिजिटल सुधार ला रहा है। अब वाहन मालिक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर सकेंगे। प्रत्येक मालिक तीन रूटों तक आवेदन कर पाएंगे, लेकिन परमिट केवल एक रूट का ही जारी होगा। हां, आपात स्थिति या ईंधन भरवाने जैसी परिस्थितियों में अन्य रूट में जाने की अनुमति मिलेगी, मगर यह कुछ शर्तों पर आधारित होगी।
सबसे अहम पहलू यात्रियों की सुरक्षा
दरअसल इस कदम का सबसे अहम पहलू यात्रियों की सुरक्षा है। अब तक कई बार शिकायतें आईं कि यात्रियों को वाहन की वैधता या चालक की पहचान की जानकारी नहीं होती। ऐसे मामलों में विवाद या अपराध होने पर ठोस सबूत सामने नहीं आ पाते थे लेकिन बारकोड व्यवस्था इस कमी को पूरी तरह दूर करेगी। स्कैन किए गए डाटा से यात्री निश्चिंत होकर सफर करेंगे और जरूरत पड़ने पर आसानी से शिकायत दर्ज कर सकेंगे।
सुरक्षित, भरोसेमंद और अनुशासित सफर की ओर बड़ा कदम
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पहल सिर्फ नियम लागू करने की कवायद नहीं है, बल्कि पटना को स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की दिशा में आगे बढ़ाने का प्रयास है। डिजिटल बारकोड और जोन आधारित नियंत्रण से न केवल यातायात व्यवस्था सुधरेगी बल्कि शहर का सार्वजनिक परिवहन भी ज्यादा भरोसेमंद और पारदर्शी बनेगा। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो इसे बिहार के अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है।संक्षेप में कहें तो, पटना में ऑटो और ई-रिक्शा पर बारकोड लगाने का निर्णय यात्रियों के लिए एक सुरक्षित, भरोसेमंद और अनुशासित सफर की ओर बड़ा कदम है। अब चालक और वाहन की पहचान सिर्फ एक स्कैन दूर होगी और शहर को मिलेगा बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन का तोहफ़ा।