पटना का सबसे अनोखा दुर्गा पूजा – दीपोत्सव में जगमगाएगा पूरा गांव
पटना, नवरात्रि की सप्तमी से मां दुर्गा के भव्य दर्शन के लिए पूरी तरह तैयार है। शहर रोशनी की चकाचौंध से जगमगा रहा है और पंडाल सजकर भक्तों के स्वागत को आतुर हैं।वहीं इस बार पटना के एतवारपुर का आयोजन पूरे बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां इस बार राम मंदिर थीम पर भव्य पंडाल तैयार किया गया है। वहीं नवरात्र की पंचमी पर एतवारपुर में आज खास दीपोत्सव मनाया जाएगा। आयोजकों ने लगभग 1 किलोमीटर क्षेत्र में 2 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा है। लोगों से हर घर में कम-से-कम...

पटना, नवरात्रि की सप्तमी से मां दुर्गा के भव्य दर्शन के लिए पूरी तरह तैयार है। शहर रोशनी की चकाचौंध से जगमगा रहा है और पंडाल सजकर भक्तों के स्वागत को आतुर हैं।वहीं इस बार पटना के एतवारपुर का आयोजन पूरे बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां इस बार राम मंदिर थीम पर भव्य पंडाल तैयार किया गया है। वहीं नवरात्र की पंचमी पर एतवारपुर में आज खास दीपोत्सव मनाया जाएगा। आयोजकों ने लगभग 1 किलोमीटर क्षेत्र में 2 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा है। लोगों से हर घर में कम-से-कम 5 दीप जलाने की अपील की गई है।
राम मंदिर थीम पर भव्य पंडाल
दरअसल इस आयोजन का उद्देश्य वही ऐतिहासिक परंपरा को जीवंत करना है जब त्रेता युग में भगवान श्रीराम के वनवास से लौटने पर अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। मुनील यादव ने कहा कि, आज हम लोगों ने एतवारपुर में दीपोत्सव का आयोजन किया है। भगवान श्रीराम वनवास से वापस अयोध्या लौटे थे तो वहां के लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। हमारे गांव समाज में श्रीराम मंदिर थीम पर पंडाल बन रहा है। ऐसे में हम लोगों सोचा है कि उसी तरह से हम ग्रामवासी दीपोत्सव का आयोजन करें।
लगभग 70 लाख रुपए की लागत
एतवारपुर दुर्गापूजा समिति के अध्यक्ष मुनील यादव के अनुसार, इस बार का पंडाल राम मंदिर थीम पर बनाया गया है। इसकी ऊंचाई 115 फीट है और इसे तैयार करने में लगभग 70 लाख रुपए की लागत आई है। पंडाल 15,000 वर्गफीट में फैला है और इसके निर्माण में 10 हजार से अधिक बांस का इस्तेमाल होगा । पंडाल में मां दुर्गा की 16 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित होगी। साथ ही भगवान श्रीराम और हनुमान जी की प्रतिमाएं भी भक्तों के दर्शन के लिए लगाई जा रही हैं। पंडाल तक पहुंचने वाले मार्ग को अयोध्या के रामपथ की तरह सजाया गया है, जहां आधुनिक लाइटिंग से भक्ति और दिवाली का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा-अर्चना का विधान
एतवारपुर का यह आयोजन सिर्फ दुर्गा पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भक्ति, परंपरा और भारतीय संस्कृति का जीवंत प्रतीक बन गया है। दीपों की जगमगाहट में जब भक्त मां दुर्गा और श्रीराम का दर्शन करेंगे, तो यह उत्सव हर किसी के दिल में एक अलग ही छाप छोड़ जाएगा। बता दें कि आज यानी शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा-अर्चना का विधान है। देवी स्कंदमाता वात्सल्य और करुणा की प्रतीक मानी जाती हैं। अपने चार भुजाओं में से एक में वह भगवान स्कंद (कार्तिकेय) को गोद में लिए रहती हैं, जबकि दूसरी और चौथी भुजा में कमल का पुष्प धारण करती हैं। तीसरी भुजा से भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।