चुनाव हार के बाद RJD में बढ़ी उथल-पुथल: विधायक दल की बैठक में भावुक हुए तेजस्वी, बोले—चाहें तो नया नेता चुन लें

बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आरजेडी  के भीतर तनाव लगातार गहराता दिख रहा है। पार्टी को महज 25 सीटों पर सिमट जाना पड़ा, जबकि उसने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इस झटके के बाद लालू प्रसाद यादव की पार्टी में मनोवैज्ञानिक दबाव और आंतरिक असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। सोमवार को हुई RJD विधायक दल की बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भावुक हो गए। उन्होंने.....

चुनाव हार के बाद RJD में बढ़ी उथल-पुथल: विधायक दल की बैठक में भावुक हुए तेजस्वी, बोले—चाहें तो नया नेता चुन लें

बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आरजेडी  के भीतर तनाव लगातार गहराता दिख रहा है। पार्टी को महज 25 सीटों पर सिमट जाना पड़ा, जबकि उसने 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इस झटके के बाद लालू प्रसाद यादव की पार्टी में मनोवैज्ञानिक दबाव और आंतरिक असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। सोमवार को हुई RJD विधायक दल की बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भावुक हो गए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि विधायक चाहें तो वे नेतृत्व छोड़ने को भी तैयार हैं। तेजस्वी ने कहा यदि आपको लगता है कि किसी और के नेतृत्व में संगठन मजबूत हो सकता है, तो आप नया नेता चुन सकते हैं। उनके इस बयान से बैठक का माहौल भावुक हो गया। कई विधायक तुरंत उन्हें मनाने लगे कि नेतृत्व वही संभालें।

लालू यादव ने संभाला मोर्चा
स्थिति को देखते हुए खुद लालू प्रसाद यादव ने हस्तक्षेप किया और विधायकों से कहा कि वे तेजस्वी को नेता बनाए रखें। इसके बाद सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को एक बार फिर RJD विधायक दल का नेता चुन लिया गया। बैठक में राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती और तेजस्वी के करीबी संजय यादव भी मौजूद थे। वहीं तेजस्वी यादव पर बहन रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए आरोपों ने पार्टी की परेशानियाँ और बढ़ा दी हैं। रोहिणी ने हाल में संजय यादव और रमीज नेमत खान पर गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि तेजस्वी सिर्फ उन्हीं की सुनते हैं, जबकि कार्यकर्ताओं से दूर होते जा रहे हैं।हालाँकि तेजस्वी ने अब तक इस विवाद पर खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी के भीतर इसे लेकर असंतोष साफ देखा जा रहा है।

मीसा भारती भी असंतुष्ट, पर मौन
सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी की बड़ी बहन मीसा भारती भी पार्टी की वर्तमान स्थिति से नाराज बताई जा रही हैं। हालांकि वे खुलकर कुछ नहीं कह रहीं, लेकिन परिवार की अंदरूनी राजनीति चर्चा में है। बता दें कि भारी चुनावी हार के बाद RJD को अब न सिर्फ जनाधार बल्कि आंतरिक एकजुटता भी बचाए रखने की चुनौती है। तेजस्वी यादव पर परिवार और पार्टी दोनों का दबाव बढ़ता दिख रहा है।लालू परिवार में मचे घमासान ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं—सबकी निगाह अब RJD की आने वाली रणनीतियों पर टिकी हुई है।