लालू परिवार में बढ़ा तनाव: रोहिणी के समर्थन में उतरे तेज प्रताप, बोले—बहन का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार खुले विवादों का सामना कर रहा है। रविवार को राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने की घोषणा कर चुकीं रोहिणी आचार्य के सख्त तेवर लगातार सुर्खियाँ बटोर रहे हैं। दो दिन पहले उन्होंने तेजस्वी यादव और संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद पार्टी और परिवार...

लालू परिवार में बढ़ा तनाव: रोहिणी के समर्थन में उतरे तेज प्रताप, बोले—बहन का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार खुले विवादों का सामना कर रहा है। रविवार को राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने की घोषणा कर चुकीं रोहिणी आचार्य के सख्त तेवर लगातार सुर्खियाँ बटोर रहे हैं। दो दिन पहले उन्होंने तेजस्वी यादव और संजय यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद पार्टी और परिवार दोनों में हलचल तेज हो गई है।

तेज प्रताप खुलेआम रोहिणी के समर्थन में
इस विवाद के बीच भाई तेज प्रताप यादव ने सार्वजनिक रूप से रोहिणी आचार्य का समर्थन किया है। फेसबुक पर भावुक पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि वे किसी भी कीमत पर अपनी बहन का अपमान सहन नहीं करेंगे। तेज प्रताप ने कहा मेरी बहन रोहिणी दीदी के साथ जो व्यवहार हुआ, उसने दिल को भीतर तक झकझोर दिया है। मेरे साथ जो भी हुआ सह गया, लेकिन दीदी का अपमान असहनीय है। जयचंदों को इस दुर्व्यवहार का परिणाम भुगतना पड़ेगा।तेज प्रताप ने चेतावनी भरे लहज़े में यह भी कहा कि परिवार को चोट पहुँचाने वालों को बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी।

संजय–रमीज़ पर गंभीर आरोप
तेज प्रताप ने आगे कहा कि यह मुद्दा सिर्फ रोहिणी आचार्य का नहीं, बल्कि पूरे परिवार की इज्जत से जुड़ा है। उन्होंने बिना नाम लिए उन लोगों को ‘जयचंद’ करार दिया और कहा कि लालू परिवार का सम्मान बिहार की मिट्टी में रचा-बसा है। जो भी इसे ठेस पहुँचाने की कोशिश करेगा, जनता उसे जवाब देगी। बता दें कि रोहिणी आचार्य शनिवार देर रात पटना स्थित राबड़ी आवास को रोते हुए छोड़कर चली गईं। उन्होंने पार्टी रणनीतिकार संजय और रमीज़ पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज हो गई है। वहीं लालू परिवार के भीतर बढ़ते विवाद ने RJD की राजनीतिक विरासत पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज प्रताप का बयान सिर्फ परिवार की रक्षा तक सीमित नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे बिहार की सियासत में एक बड़े संकेत के रूप में देखा जा रहा है।