पटना में STET अभ्यर्थियों का प्रदर्शन,कैंडिडेट्स पर लाठीचार्ज, डाकबंगला बना रणक्षेत्र

राजधानी पटना में गुरुवार को  शिक्षक बनने का सपना लिए हजारों STET अभ्यर्थी सड़क पर उतरे।इनकी मांग थी – TRE-4 के पहले STET की परीक्षा हो लेकिन सपना और सिस्टम की दीवार के बीच एक बार फिर लाठीचार्ज की मार पड़ी। पटना में एसटीइटी की मांग को लेकर गुरुवार को कैंडिडेट्स ने 5 घंटे तक प्रदर्शन किया। अभ्यर्थी पटना कॉलेज से सीएम हाउस का घेराव करने के लिए निकले थे। पुलिस ने पहले सभी को जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग कर के रोका।यहां ....

पटना में STET अभ्यर्थियों का प्रदर्शन,कैंडिडेट्स पर लाठीचार्ज, डाकबंगला बना रणक्षेत्र

राजधानी पटना में गुरुवार को  शिक्षक बनने का सपना लिए हजारों STET अभ्यर्थी सड़क पर उतरे।इनकी मांग थी – TRE-4 के पहले STET की परीक्षा हो लेकिन सपना और सिस्टम की दीवार के बीच एक बार फिर लाठीचार्ज की मार पड़ी। पटना में एसटीइटी की मांग को लेकर गुरुवार को कैंडिडेट्स ने 5 घंटे तक प्रदर्शन किया। अभ्यर्थी पटना कॉलेज से सीएम हाउस का घेराव करने के लिए निकले थे। पुलिस ने पहले सभी को जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग कर के रोका।यहां कैंडिडेट्स बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने लाठीचार्ज कर लिया। इसमें कुछ लोगों को चोट भी आई है। इसके बाद कैंडिडेट्स फिर डाकबंगला चौराहे की ओर बढ़े।यहां उनकी पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद सख्ती के साथ डाकबंगला चौराहा खाली कराया गया। 

STET नहीं तो वोट नहीं

बता दें कि प्रदर्शन में 5000 से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए , जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हुए।सभी "बिहार मांगे STET", "STET नहीं तो वोट नहीं" जैसे पोस्टर और बैनर लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।बता दें कि यह आंदोलन पटना कॉलेज से शुरू हुआ, जहां से शिक्षक अभ्यर्थी रैली की शक्ल में डाकबंगला चौराहा पहुंचे।बता दें कि प्रदर्शन के बीच मुख्य सचिव ने 5 कैंडिडेट्स को मिलने के लिए बुलाया । इससे पहले कुछ अधिकारी उनसे बात करने भी  पहुंचे थे।

हम डरे हुए हैं-अभ्यर्थी 
प्रदर्शन कर रहे एक अभ्यर्थी ने कहा कि जब से नीतीश कुमार ने टीआरई 4 की घोषणा की है हम डरे हुए हैं।  सरकार को STET करवाना चाहिए। वहीं एक दुसरे  अभ्यर्थी ने कहा- हम सिर्फ मुख्यमंत्री से बात करना चाहते हैं। उन्होंने जब से टीआरई  -4 की घोषणा की है हम सो नहीं पा रहे हैं। हाईकोर्ट आदेश दे चुका है, लेकिन फिर भी सरकार मान नहीं रही है। हम यहीं मर जाएंगे, लेकिन मांग पूरी करवाकर ही मानेंगे।