महागठबंधन में सीट बंटवारे पर खींचतान, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के पोस्ट से मचा हड़कंप,लिखा- ऐसी सरकार बनाएंगे..जहां सबका सम्मान
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बीच अब तक तालमेल नहीं बन सका है। इस बीच वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की सोशल मीडिया गतिविधियों ने अटकलों को और भी हवा द.........

हार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आने लगी है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बीच अब तक तालमेल नहीं बन सका है। इस बीच वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की सोशल मीडिया गतिविधियों ने अटकलों को और भी हवा दे दी है।
पसंदीदा सीटों को लेकर नाराज़गी
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, मुकेश सहनी न केवल अपनी पार्टी के लिए मनचाही सीटें चाहते हैं, बल्कि वे संभावित महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की भी दावेदारी कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस इस मांग को लेकर सहमत नहीं दिख रही है। इसी तनातनी के बीच सहनी ने फेसबुक पर एक पोस्टर शेयर किया, जिसमें महागठबंधन का कोई उल्लेख नहीं था — जबकि तीन दिन पहले उनके ही पोस्ट में लिखा था "14 नवंबर को आ रही है महागठबंधन सरकार"इस विरोधाभासी रुख ने राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या मुकेश सहनी पाला बदल सकते हैं?
तेजस्वी यादव ने की आईपी गुप्ता से मुलाकात
इसी तनाव के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के नेता आईपी गुप्ता से मुलाकात की है। गुप्ता ने एक्स पर इस मुलाकात का वीडियो साझा करते हुए लिखा “पहली मुलाकात, मजबूत साथ, खास शाम, खास वक्त… मुझको एहसास है।”इस पोस्ट को संभावित नए गठजोड़ की ओर इशारा माना जा रहा है।हालांकि, तेज होती अटकलों के बीच चार घंटे बाद मुकेश सहनी ने एक और सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए सफाई दी कि “महागठबंधन पूरी तरह मजबूत है और हम इसके साथ हैं।”लेकिन उनके द्वारा जारी किया गया पोस्टर और समय-समय पर बदलते बयान राजनीतिक विश्लेषकों के लिए ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ की एक रणनीति के संकेत के रूप में देखे जा रहे हैं।
सीट शेयरिंग पर होगी अंतिम मुहर
वहीं कांग्रेस ने आज दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक है। बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी के शीर्ष नेता मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सीटों के अंतिम बंटवारे,प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम निर्णय और घटक दलों के बीच तालमेल की रणनीति पर चर्चा होगी।यह भी माना जा रहा है कि 13 अक्टूबर को महागठबंधन अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकता है। देखा जाए तो बिहार की सियासत में मुकेश सहनी की स्थिति अब सिर्फ एक सहयोगी की नहीं, बल्कि एक ऐसे खिलाड़ी की बन गई है जो सीटों से लेकर सियासी समीकरणों तक अपना दबदबा बढ़ाना चाहता है। कांग्रेस और राजद की अगुवाई वाला महागठबंधन फिलहाल भले “मजबूत” बताया जा रहा हो, लेकिन अंदरखाने की खींचतान से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं आने वाले दो दिनों में स्थिति और साफ़ हो जाएगी — क्या सहनी गठबंधन में रहेंगे या नया सियासी मोड़ सामने आएगा?