तेज प्रताप ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगी मदद,कहा-माता-पिता को मानसिक रूप से प्रताड़ित ...जयचंद को ठहराया जिम्मेदार
बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद राज्य के सबसे बड़े सियासी परिवार में छिड़ी कलह ने सभी को चौंका दिया है। लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के लगातार विवादित बयान और सोशल मीडिया पोस्ट ने राजद परिवार की अंदरूनी खटपट को खुलकर सामने ला दिया है। इसी बीच पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी आचार्या का खुलकर समर्थन करते हुए केंद्र और बिहार सरकार...................
बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद राज्य के सबसे बड़े सियासी परिवार में छिड़ी कलह ने सभी को चौंका दिया है। लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के लगातार विवादित बयान और सोशल मीडिया पोस्ट ने राजद परिवार की अंदरूनी खटपट को खुलकर सामने ला दिया है। इसी बीच पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी आचार्या का खुलकर समर्थन करते हुए केंद्र और बिहार सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
राबड़ी आवास में कथित बदसलूकी का मामला
गौरतलब हो कि रोहिणी आचार्या ने आरोप लगाया था कि राबड़ी आवास में उनके साथ कथित तौर पर बदसलूकी की गई। इसी घटना के बाद उन्होंने राजनीति से दूर होने और परिवार से नाता तोड़ने की बात कही थी। हालांकि बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका नाराज़गी केवल तेजस्वी यादव से है, जबकि लालू यादव, राबड़ी देवी और अन्य बहनें उनके साथ हैं। वहीं पहले से ही आरजेडी और परिवार की मुख्य धारा से दूर किए जा चुके तेज प्रताप यादव ने मंगलवार को अपनी बहन रोहिणी के पक्ष में खड़े होते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा अगर मेरे माता-पिता (लालू प्रसाद और राबड़ी देवी) को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बिहार सरकार इसकी जांच कराए।तेज प्रताप ने बिना नाम लिए परिवार में चल रहे तनाव का जिम्मेदार 'जयचंद' को ठहराया है।
सियासी संकेत और नया प्रस्ताव
तेज प्रताप ने रोहिणी आचार्या को अपनी नई पार्टी जन शक्ति जनता दल में संरक्षक का पद भी ऑफर किया है। साथ ही उन्होंने यह कहकर राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी कि वे एनडीए सरकार को नैतिक समर्थन देने के लिए तैयार हैं।आरजेडी की चुनावी हार के बाद लालू परिवार में यह विवाद तेजी से सार्वजनिक होता जा रहा है।वहीं तेज प्रताप के बयान और रोहिणी के आरोपों ने इस कलह को और गहरा कर दिया है, जिससे पार्टी और परिवार दोनों की राजनीतिक स्थिति प्रभावित होती दिख रही है।













