इस महाजुटान को क्या नाम दे, ऐसे ही इंदिरा हटाओ के लगते थे नारे, अब मोदी को हटाने की चल रही मुहिम

इस महाजुटान को क्या नाम दे, ऐसे ही इंदिरा हटाओ के लगते थे नारे, अब मोदी को हटाने की चल रही मुहिम

पटना डेस्क : पटना में 23 जून को विपक्षी एकता की बैठक होने वाली है. इनमें गैर बीजेपी दलों के नेताओं का जुटान होगा और मोदी को सत्ता से हटाने के लिए एक नई सियासी रणनीति पर चर्चा होगी. आपको बता दें, बिहार वह धरती है. जहां कई आंदोलन हुए. इसे आंदोलन और रैलियों की जननी भी कहा जाता है. इसी धरती से महात्मा गांधी ने 10 अप्रैल 1917 को क्रांति का अध्याय लिखा था. इस क्रांति ने पूरे अंग्रेज सरकार के नींव को हिला कर रख दिया था. इसी धरती से इंदिरा गांधी को हटाने की मुहिम शुरू हुई थी. और आज इसी धरती से फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उखाड़ फेंकने की मुहिम की शुरुआत हो रही है.

इस धरती ने कई ऐसे आंदोलन को देखा है. जिसने भारत के इतिहास को बदल कर रख दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कि, गरीब रैली आज भी चर्चा का विषय बनता है. पटना के गांधी मैदान में जयप्रकाश नारायण ने 5 जून 1974 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था.

 

इसी गांधी मैदान ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के द्वारा शंखनाद किया था. 27 अक्टूबर 2013 को इसी गांधी मैदान से हुंकार रैली की गई थी. काफी लोगों की भीड़ यहां इकट्ठा हुई थी. इस धरती ने यहां पर मौत का नंगा खेल भी देखा. प्रधानमंत्री के उस रैली में सीरियल बम ब्लास्ट हुए, जिसमें 6 लोगों की मौत भी हुई. यह पहली बार था कि, देश में किसी प्राइम मिनिस्टर कैंडिडेट के रैली में इस तरीके से सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था.

अब देखने वाली बात यह होगी कि, 23 जून 2023 को गैर बीजेपी के द्वारा इस महाजुटान से क्या निकल के सामने आता है. क्या बिहार की धरती फिर 23 जून 2023 के हुए इस महा जुटान से देश के भविष्य का रास्ता तय करेंगी. क्या सच में इस महाजुटान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह लोग पछाड़कर देश की सत्ता पर काबिज होंगे. सियासी गलियारे में बहुत सारे सवाल हलचल मचाए हुए है जिसके जवाब के लिए करना होगा थोड़ा इन्तजार |

रिपोर्ट : कुमार कौशिक