CM नीतीश पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा हो गए हत्थे से गरम लगा दिए इतने सारे आरोप
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा आज सहयोग कार्यक्रम में शामिल हुए... इस दौरान विजय सिन्हा ने कहा...कई लोग जमीन विवाद को लेकर आए और मुख्यमंत्री ने भी अपने जनता दरबार में स्वीकार किया...कि दाखिल खारिज राजस्व विभाग के अंदर भ्रष्टाचार चरम पर है... पदाधिकारी मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं... और कई लोग जो आए हैं... वह बताएं हैं... कि किस तरह से उनका शोषण हो रहा है... दाखिल खारिज के मामले में...नियोजित शिक्षक के बारे में जो फरमान सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव ने जारी किया है...कि जो विरोध करेंगे उन पर हम कार्रवाई करेंगे... अपने शिक्षक नियमावली में शिक्षक के हित में व्यवहारिक विषय लाने की बजाय धांधली करने का निर्णय लिया है...
धीरेंद्र शास्त्री के पोस्टर पर उनके विरोधियों ने कालिख पोता है... और 420 और चोर लिखा अब इसको लेकर विजय सिन्हा ने कड़े तेवर में कहा... जिस व्यक्ति की विकृत मानसिकता हो...सत्ता और न्याय के साथ शासन चलाने का ना सोचे... जंगलराज को गुंडाराज में तब्दील करने की मानसिकता जिसकी बन गई है... वह अपने सांस्कृतिक विरासत पर गर्व नहीं शर्म महसूस करता है... पहले तो धीरेंद्र शास्त्री को एयरपोर्ट पर रोकने के लिए सेना बना रहे थे... सरकार में बैठे मंत्री और उसके बाद जब लाखों लाख लोग आ गए तो चोर दरवाजे से सत्ता में आकर बैठे चोर की तरह उनके पोस्टर पर कालिख लगा रहे हैं... अरे हिम्मत है तो सामने आकर पोस्टर फाड़ते फिर बिहार की लाखों लाख की संख्या में बैठी जनता आपके मुंह में ऐसा काली लगा देती...कि आप राजनीति करने के कभी लायक नहीं रहते...
ललन सिंह ने मटन चावल का भोज दिया था... उसके बाद नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने गंभीर आरोप लगाया था... उसको लेकर विजय सिन्हा ने कहा... हम दही चूड़ा का भोज देते हैं... और लोगों को मकर संक्रांति पर अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने का एक मौका देते हैं... लेकिन जो लोग मटन भात खिला रहे हैं... और मटन नहीं पूरा होता है... तो लाठी खिलाते हैं...और उससे भी नहीं पूरा होता है... तो लोग बता देते हैं...कि शहर के कुत्ते भी गायब हो रहे हैं... तो यह संस्कार मेरा नहीं है... हमने सरकार से सच्चाई के जांच की मांग की है...
सुप्रीम कोर्ट ने जाति आधारित गणना की सुनवाई से इनकार कर दिया... इनका नियत साफ नहीं है...इसीलिए नीति असफल हो रही है... सभी को एक होकर एक सूत्री अभियान चलाना चाहिए... हमारे हर विद्यालय में जब तक व्यवस्था नहीं हो... सत्ताधारी दल को वहां प्रवेश नहीं करने दिया जाए... सत्ता में बैठे लोग जब तक शिक्षा में सुधार नहीं करेंगे... शैक्षणिक वातावरण का माहौल नहीं बनाएंगे... कोई भी मंत्री को उस गांव के अंदर प्रवेश नहीं करने देंगे... और अगर प्रवेश करें तो पहले विद्यालय जाकर दिखाना होगा... कि सरकारी विद्यालय में हमारे कितने बच्चे हैं... और शिक्षक कितने होने चाहिए... आप लूटने की योजना को बंद करके पहले प्राथमिकता शिक्षा में सुधार को दें... और यह जन आंदोलन के रूप में पूरे बिहार के अंदर होना चाहिए...
बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा है... कि एक बार फिर से नीति आयोग के समक्ष बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग दोहराई जाएगी... और इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा... राज्य के अंदर एक भी नीति सफल नहीं कर सके...शैक्षणिक वातावरण को बेहतर करने में शिक्षा विभाग कितना सफल रहा है... कितनी अराजकता का शिकार हुआ है... दोष अपना है और दूसरे के नाम पर रोना... यह बस चुनाव तक यही करेंगे... नीति आयोग ने इतना विकास का काम किया... आप उसको ईमानदारी से कर लिए होते...तो सारे प्रोजेक्ट समय पर पूरा कर दिए होते... तो आज बिहार की तस्वीर बदल जाती...
रिपोर्ट : कुमार कौशिक