बिहार में वोटर लिस्ट का गजब खेल:,मुजफ्फरपुर में एक ही मकान के पते पर 269 वोटर, हर जाति और समुदाय के लोग शामिल

बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इसी बीच मुजफ्फरपुर से एक हैरान करने वाली खबर आई है।बिहार में चल रहे मतदाता सूची के पुनः निरीक्षण के दौरान, चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल नई मतदाता सूची में ऐसा मामला दर्ज हुआ है जो काफी चौंकाने वाला है। भगवानपुर दक्षिणी भाग के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बूथ (संख्या 370) की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मकान नंबर 27 के पते पर कुल 269 वोटरों के नाम दर्ज हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन 269 वोटरों में लगभग हर जाति और समुदाय के लोग शामिल हैं। मकान नंबर-27 .....

बिहार में वोटर लिस्ट का गजब खेल:,मुजफ्फरपुर में एक ही मकान के पते पर 269 वोटर, हर जाति और समुदाय के लोग शामिल

बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इसी बीच मुजफ्फरपुर से एक हैरान करने वाली खबर आई है।बिहार में चल रहे मतदाता सूची के पुनः निरीक्षण के दौरान, चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल नई मतदाता सूची में ऐसा मामला दर्ज हुआ है जो काफी चौंकाने वाला है। भगवानपुर दक्षिणी भाग के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बूथ (संख्या 370) की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में मकान नंबर 27 के पते पर कुल 269 वोटरों के नाम दर्ज हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इन 269 वोटरों में लगभग हर जाति और समुदाय के लोग शामिल हैं। मकान नंबर-27 में 138 पुरुष और 131 महिलाओं सहित कुल 269 मतदाता दर्ज हैं। 

मकान नंबर 27 के पते पर 269 वोटरों के नाम
बता दें कि बीते 1 अगस्त 2025 को जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की ड्राफ्ट मतदाता सूची में मकान नंबर 27 के पते पर 269 वोटरों के नाम दर्ज हैं। भगवानपुर (दक्षिमी भाग) में उत्क्रमित मध्य विद्यालय बूथ पर कुल 629 वोटर हैं।जिनमें 43% वोटर सिर्फ एक ही पते से जुड़े हुए हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि वोटर असली हैं, लेकिन मकान नंबर में गड़बड़ी बरसों पुरानी है।स्थानीय पूर्व वार्ड पार्षद उपेंद्र कुमार ने भी माना कि यह मकान संख्या की गलती है, जबकि वोटर सब गांव के ही हैं। वहीं, लिस्ट में दर्ज एकमात्र मुस्लिम मतदाता मुस्ताक मियां ने भी  बताया कि उनका घर आधा किलोमीटर दूर है, लेकिन उनका भी मकान नंबर 27 ही लिखा है।

मकान नंबर-1 में भी 29 लोगों के नाम दर्ज
वहीं वार्ड-11 के मतदान केंद्र संख्या-81 पर, मकान नंबर-1 में भी 29 लोगों के नाम दर्ज हैं। बता दें कि वोटर्स इसमें स्थानीय BLO की गलती मान रहे हैं। वहीं चुनाव निबंधक अधिकारी विक्रम विरकर का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में अब तक मकान संख्या आवंटित नहीं हुई है, ऐसे में कई बार ऐसे ही नंबर दे दिए जाते हैं। उनका कहना है कि वोटरों की पहचान पक्की है, इसलिए मकान नंबर का कोई खास मतलब नहीं है लेकिन सवाल बड़ा है — जब वोटर लिस्ट में इतने बड़े पैमाने पर एड्रेस की गड़बड़ी हो, तो क्या चुनाव में पारदर्शिता बनी रह पाएगी? बिहार की सियासत में इस मामले ने एक नया बहस छेड़ दिया है।