भोजपुरी स्टार पवन सिंह दोबारा बीजेपी में शामिल, तेज प्रताप यादव ने साधा निशाना, कहा-कभी हमारे पैरों पर गिरे
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह ने दोबारा बीजेपी का दामन थाम लिया है। इस बीच, राजद नेता तेज प्रताप यादव ने पवन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि पवन सिंह कभी उनके पैरों पर गिरे थे और अब किसी और के पैरों में गिर रहे हैं। तेज प्रताप ने तंज कसते हुए कहा कि कलाकारों का यही काम है, बार-बार इधर-उधर जाना।तेज प्रताप ने आगे कहा कि पवन सिंह को राजनीति छोड़कर अपनी कलाकारी पर ध्यान....

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह ने दोबारा बीजेपी का दामन थाम लिया है। इस बीच, राजद नेता तेज प्रताप यादव ने पवन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि पवन सिंह कभी उनके पैरों पर गिरे थे और अब किसी और के पैरों में गिर रहे हैं। तेज प्रताप ने तंज कसते हुए कहा कि कलाकारों का यही काम है, बार-बार इधर-उधर जाना।तेज प्रताप ने आगे कहा कि पवन सिंह को राजनीति छोड़कर अपनी कलाकारी पर ध्यान देना चाहिए। उनका कहना था कि पवन सिंह को यह समझ में नहीं आता कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं। उनके पास न तो विवेक है और न ही बुद्धि। वे क्या करेंगे, यह तो वहीं जानें लेकिन सच यह है कि पवन सिंह एक कलाकार हैं और उन्हें राजनीति छोड़कर सिर्फ अपनी कलाकारी करनी चाहिए।
बीजेपी और उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात
उन्होंने कहा कि पवन सिंह कभी लखनऊ में उनके पैरों पर गिरे थे और अब किसी और के पैरों में गिर रहे हैं। तेज प्रताप ने तंज कसते हुए कहा कि पवन सिंह लगातार किसी न किसी के पैरों में गिरते रहते हैं।बात दें कि मंगलवार को पवन सिंह ने एनडीए सहयोगी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े और पार्टी सचिव ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद थे। इस मुलाकात को बिहार चुनाव से पहले एनडीए की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। विनोद तावड़े ने स्पष्ट किया कि पवन सिंह अब बीजेपी के साथ रहेंगे और विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ता की तरह काम करेंगे। उपेंद्र कुशवाहा ने भी पवन सिंह को आशीर्वाद दिया।
पवन सिंह का राजनीति सफर
पवन सिंह का राजनीति से जुड़ा सफर भी काफी चर्चा में रहा है। 2024 लोकसभा चुनाव में उन्होंने काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, जिससे उपेंद्र कुशवाहा को नुकसान हुआ और वे तीसरे स्थान पर रहे। उस चुनाव में यह सीट सीपीआई(एमएल) के खाते में चली गई थी।इस बार पवन सिंह की बीजेपी में वापसी और एनडीए के साथ गठबंधन को बिहार विधानसभा चुनाव में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।