बिहार के सपूत संतोष यादव का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार,शहीद के हाथों ही पत्नी को पिलाया पानी,4 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि

बिहार के सपूत संतोष यादव ने जम्मू-कश्मीर में देश की सेवा करते हुए अपना बलिदान दे दिया। बुधवार की देर शाम को उनका पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट लाया गया। गुरुवार को जवान का पार्थिव शरीर पटना से भागलपुर के नवगछिया अंतर्गत इस्माइलपुर प्रखंड के पछियारी टोला डिमाहा स्थित उनके पैतृक घर पहुंचा। शहीद की एक झलक पाने के लिए हजारों लोग जमा हुए। उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे लोग शहीद के लिए नारे लगाते रहे।
शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल
जम्मू के नौशेरा सेक्टर में शहीद हुए सेना के हवलदार संतोष यादव का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हो गया। चार साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। वहीं साथी जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। प्रशासन के साथ सेना के अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि शहीद के परिजनों को संतोष यादव के बलिदान का गर्व भी है तो आंसू भी आंखों से थमने का नाम नहीं ले रहे। शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है तो वहीं पार्थिव देह के घर पहुंचते ही 4 साल का बेटा पिता से लिपटकर रोने लगा। वो बार-बार लोगों से ये कह रहा था- 'पापा से बात करवाओ, वो उठ क्यों नहीं रहे हैं।'
शहीद संतोष अमर रहे के नारे गूंजते रहे
बता दें कि गुरुवार को जब फूलों से सजे वाहन से जवान का पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया तो हजारों की तादाद में लोग पहले से इंतजार कर रहे थे। शहीद संतोष अमर रहे के नारे गूंजते रहे। उनकी एक झलक पाने के लिए लोग बेचैन थे। शहीद के पार्थिव शरीर को पूरे गांव में घूमाया गया। लोग हाथों में तिरंगा लिए हुए नारे लगाते रहे- शहीद संतोष यादव जिंदाबाद ...हिंदुस्तान जिंदाबाद।
गोपाल मंडल भी शहीद के घर पहुंचे
वहीं जब शहीद संतोष का पार्थिव शरीर आया तो उनके हाथों ही पत्नी को पानी पिलाया गया। दरअसल, अपने पति की शहादत की खबर सुनने के बाद साधना कुमारी ने अन्न-पानी त्याग दिया था। बुधवार की शाम को जब पूर्णिया सांसद पप्पू यादव शहीद के परिवार से मिलने आए तो उन्होंने भी साधना कुमारी को पानी पीने के लिए कहा, लेकिन शहीद की पत्नी ने मना कर दिया था।अब जब शहीद का पार्थिव शरीर आया तो उनके ही हाथों के सहारे साधना को पानी पिलवाया गया। बता दें कि गोपालपुर के विधायक गोपाल मंडल भी शहीद के घर पहुंचे। उनके परिजनों को हिम्मत बंधाया।