पारस अस्पताल में भर्ती उम्रकैद के कैदी चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या, तेजस्वी बोले- बिहार में कोई सुरक्षित नहीं, जेडीयू ने कहा- अपने मम्मी-डैडी से पूछ लीजिए

बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को अपराधियों ने दिनदहाड़े कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए अस्पताल में भर्ती एक कैदी की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना शास्त्री नगर थाना क्षेत्र स्थित पारस अस्पताल की है, जहां इलाज करा रहे उम्रकैद की सजा भुगत रहे कैदी चंदन मिश्रा को चार अपराधियों ने घुसकर गोली मार दी। वारदात के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। मौके पर पुलिस....

पारस अस्पताल में भर्ती उम्रकैद के कैदी चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या, तेजस्वी बोले- बिहार में कोई सुरक्षित नहीं, जेडीयू ने कहा- अपने मम्मी-डैडी से पूछ लीजिए

बिहार की राजधानी पटना में गुरुवार को अपराधियों ने दिनदहाड़े कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए अस्पताल में भर्ती एक कैदी की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना शास्त्री नगर थाना क्षेत्र स्थित पारस अस्पताल की है, जहां इलाज करा रहे उम्रकैद की सजा भुगत रहे कैदी चंदन मिश्रा को चार अपराधियों ने घुसकर गोली मार दी। वारदात के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। मौके पर पुलिस पहुंचकर जांच में जुट गई है।

कौन था चंदन मिश्रा?
मृतक चंदन मिश्रा, बक्सर का रहने वाला था। वह राजेंद्र केसरी हत्याकांड में दोषी पाया गया था और आईपीसी की धारा 302 के तहत आजन्म कारावास की सजा काट रहा था। वर्ष 2011 में रंगदारी नहीं देने पर केसरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पटना हाईकोर्ट ने 2020 में चंदन और सह-आरोपी शेरू सिंह को दोषी ठहराया था। चंदन पिछले 12 वर्षों से जेल में बंद था और फिलहाल 15 दिनों की पेरोल पर इलाज के लिए बाहर आया हुआ था।

राजनीतिक बयानबाजी तेज
वहीं घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पोस्ट कर सरकार पर तंज कसा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए तंज कसते हुए लिखा है-'अपराधियों ने अस्पताल में भर्ती मरीज को ICU में घुसकर मारी गोली। बिहार में कोई कहीं सुरक्षित नहीं? 2005 से पहले ऐसे होता था जी?'इसके जवाब में जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए लिखा है 'याद है तेजस्वी जी? अपने मम्मी-डैडी से पूछ लीजिए। 13 जून 1998 को राबड़ी देवी जी की सरकार में मंत्री ब्रज बिहारी प्रसाद की हत्या IGIMS, पटना के अस्पताल में कर दी गई थी! यही था उस दौर का "जंगलराज का राज"!'