शराबबंदी वाले बिहार में एंबुलेंस की कारामात...मरीज की जगह 40 पेटी बरामद की गई विदेशी शराब
बिहार में शराबबंदी को लगभग एक दशक होने को है लेकिन शराब का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। शराब माफिया नये-नये तरीके अपनाकर तस्करी कर रहे हैं। पुलिस, एसएसबी व उत्पाद विभाग की टीमें शराब के कारोबार व पियक्कड़ों के खिलाफ लगातार विशेष अभियान चला रही है फिर भी इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है। इसी कड़ी में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में गुरुवार शाम एक एम्बुलेंस से 10 लाख रुपये मूल्य की 40 पेटी विदेशी ...

बिहार में शराबबंदी को लगभग एक दशक होने को है लेकिन शराब का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। शराब माफिया नये-नये तरीके अपनाकर ना सिर्फ शराब का कारोबार कर रहे हैं बल्कि अपनी चालों से प्रशासन को हैरत में डाल रहे हैं। इसी कड़ी में ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का है। जहां गुरुवार शाम एक एम्बुलेंस से 10 लाख रुपये मूल्य की 40 पेटी विदेशी शराब बरामद की गई। शराब को एंबुलेंस के अंदर विशेष रूप से बनाए गए गुप्त तहखाने में छिपाया गया था, जिससे तस्करी का संदेह न हो। घटना कांटी थाना क्षेत्र के सदातपुर में हुई। अधिकारियों ने बताया कि वाहन के चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
गिरफ्तारी के लिए तलाश जारी
आबकारी निरीक्षक दीपक कुमार के अनुसार, शराब की बोतलों के परिवहन का मामला एक गुप्त सूचना के आधार पर प्रकाश में आया। उन्होंने यह भी बताया कि शराब की बोतलें पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से लाई जा रही थीं। दीपक कुमार ने बताया, "सूचना के आधार पर सदातपुर में छापेमारी की गई और एम्बुलेंस की छत पर बने गुप्त तहखाने में 40 बोतल विदेशी शराब बरामद की गई।" पूछताछ के दौरान, दीपक कुमार ने बताया कि "एम्बुलेंस ड्राइवर ने बताया कि वह पहले भी सिलीगुड़ी से इसी तरह शराब लेकर राज्य में आया था।" दीपक कुमार ने बताया कि आरोपी ने राज्य के दो शराब कारोबारियों के नाम बताए हैं। उन्होंने कहा, "उनकी गिरफ्तारी के लिए तलाश जारी है।"
शराबबंदी लागू हुए 9 साल पूरे हो चुके है
वहीं पकड़े गए ड्राइवर की पहचान कथैया के ठीकहा वासुदेवा निवासी मोहम्मद अनीश के रूप में हुई है। पूछताछ में अनीश ने कबूल किया कि वह पहले भी शराब तस्करी में शामिल रहा है और इस काम के बदले 20 से 25 हजार रुपये कमीशन लेता था। उसने बताया कि यह खेप कथैया के मोहम्मद मजहर और हरपुर निवासी सन्नी के कहने पर लाई जा रही थी। गौरतलब हो कि बिहार में शराबबंदी लागू हुए 9 साल पूरे हो चुके है। सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं के विशेष आग्रह पर अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू की थी, जिसके बाद शराब के निर्माण और व्यापार पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी लेकिन इसके बावजूद बिहार में शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।