कचरा गाड़ियों की बदहाली से परेशान पटना नगर निगम, नई खरीद की तैयारी,37% वाहन हो चुके हैं खराब

पटना नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। वर्षों से नई कचरा गाड़ियों की खरीद नहीं होने के कारण निगम के कई वाहन जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। स्थिति यह है कि अनेक कचरा वाहनों में न तो नंबर प्लेट लगी है और न ही उनकी बॉडी सुरक्षित है, जिससे सड़कों पर चलते समय कचरा गिरता रहता है और आम लोगों को भारी...............

कचरा गाड़ियों की बदहाली से परेशान पटना नगर निगम, नई खरीद की तैयारी,37% वाहन हो चुके हैं खराब

पटना नगर निगम शहर की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। वर्षों से नई कचरा गाड़ियों की खरीद नहीं होने के कारण निगम के कई वाहन जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। स्थिति यह है कि अनेक कचरा वाहनों में न तो नंबर प्लेट लगी है और न ही उनकी बॉडी सुरक्षित है, जिससे सड़कों पर चलते समय कचरा गिरता रहता है और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

 महत्वपूर्ण फैसला लिए जाने की संभावना
वहीं लगातार मिल रही तकनीकी खराबियों और पार्षदों की लंबे समय से उठ रही मांगों को देखते हुए अब नगर निगम नई कचरा गाड़ियों की खरीद पर निर्णय लेने की तैयारी में है। इस संबंध में 18वीं सशक्त स्थायी समिति की बैठक में महत्वपूर्ण फैसला लिए जाने की संभावना है।वर्तमान में पटना नगर निगम के बेड़े में कुल 523 कचरा गाड़ियां शामिल हैं, जिनमें से केवल 327 वाहन ही संचालन योग्य हैं। शेष 196 वाहन, यानी करीब 37 प्रतिशत, पूरी तरह अनुपयोगी हो चुके हैं। हाल ही में सितंबर माह में मिशन विश्वकर्मा योजना के तहत कई वाहनों की मरम्मत कराई गई थी, लेकिन निगम अधिकारियों का कहना है कि बार-बार मरम्मत पर भारी खर्च आ रहा है। ऐसे में नए वाहन खरीदना आर्थिक और तकनीकी रूप से अधिक व्यवहारिक समाधान माना जा रहा है।

 375 सेक्टरों में विभाजित किया
डोर-टू-डोर कचरा संग्रह व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए नगर निगम ने शहर को सभी अंचलों को मिलाकर 375 सेक्टरों में विभाजित किया है। प्रत्येक सेक्टर में निर्धारित कचरा वाहनों की तैनाती की गई है ताकि सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। वहीं निगम के पास कुल 373 क्लोज टिपर वाहन हैं, जिनमें से केवल 184 वाहन ही फिलहाल उपयोग योग्य हैं। इसके अलावा 150 सीएनजी क्लोज टिपर वाहनों में से 143 वाहन सक्रिय हैं। इससे स्पष्ट होता है कि सीएनजी आधारित वाहन पारंपरिक वाहनों की तुलना में अधिक टिकाऊ साबित हो रहे हैं।

 80-80 सेक्टरों में विभाजित किया गया
बता दें कि नूतन राजधानी और पाटलिपुत्र अंचल को 80-80 सेक्टरों में विभाजित किया गया है, लेकिन पाटलिपुत्र अंचल में आधे से अधिक क्लोज टिपर वाहन खराब होने के कारण सफाई व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।नगर निगम का मानना है कि नई कचरा गाड़ियों की खरीद से न केवल सफाई व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि शहर को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने के प्रयासों को भी नई गति मिलेगी।