वोटर वेरिफिकेशन पर सियासी संग्राम: बिहार बंद में राहुल गांधी लेंगे हिस्सा, खेमका परिवार से भी मिल सकते हैं
बिहार की सियासत एक बार फिर उबाल पर है। वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार, 10 जुलाई को बिहार बंद मार्च की नेतृत्व करने वाले हैं।उनका यह दौरा विधानसभा चुनाव 2025 से पहले विपक्षी एकजुटता और जनता के बीच पैठ बनाने की बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।राहुल गांधी सुबह 10 बजे पटना एयरपोर्ट पर उतरेंगे और वहां से सीधे इनकम टैक्स गोलंबर से शहीद स्मारक तक होने...

बिहार की सियासत एक बार फिर उबाल पर है। वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार, 10 जुलाई को बिहार बंद मार्च की नेतृत्व करने वाले हैं।उनका यह दौरा विधानसभा चुनाव 2025 से पहले विपक्षी एकजुटता और जनता के बीच पैठ बनाने की बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।राहुल गांधी सुबह 10 बजे पटना एयरपोर्ट पर उतरेंगे और वहां से सीधे इनकम टैक्स गोलंबर से शहीद स्मारक तक होने वाले बिहार बंद मार्च की अगुवाई करेंगे। कांग्रेस समेत महागठबंधन की सभी प्रमुख पार्टियां इस बंद का समर्थन कर रही हैं और सड़क पर उतरकर विरोध जताएंगी।
खेमका परिवार से हो सकती है मुलाकात
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी पटना बंद में शामिल होने से पहले या बाद में मृतक व्यवसायी गोपाल खेमका के परिजनों से मुलाकात कर सकते हैं। खेमका परिवार से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त करेंगे। खेमका की हत्या ने राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है और इसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने बंद को सफल बनाने के लिए सभी जिलों में कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी कर दिए हैं। पार्टी का कहना है कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की जा रही है ताकि गरीब, पिछड़े और विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकें। इसी के खिलाफ राहुल गांधी की अगुवाई में यह प्रतीकात्मक मार्च निकाला जा रहा है।
प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है
बंद के मद्देनज़र प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। पटना समेत प्रमुख जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जा रही है ताकि किसी प्रकार की अराजकता को रोका जा सके। राहुल गांधी का यह दौरा राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष के बीच टकराव का बड़ा केंद्र बन गया है।