पटना गांधी मैदान में रावण दहन: बारिश ने उत्साह फीका किया, CM के वध करने से पहले टूटा रावण का सिर

देशभर के साथ बिहार में भी दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है। पटना के गांधी मैदान में बिहार का सबसे ऊंचा 80 फीट का रावण बनाया गया, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वध किया। इस दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी मौजूद रहें। मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले तेज बारिश के कारण रावण का सिर टूट गया था।दरअसल बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में विजयदशमी के मौके पर रावण दहन का आयोजन वर्षों से भव्य रूप से होता आया है लेकिन इस बार मौसम....

पटना गांधी मैदान में रावण दहन: बारिश ने उत्साह फीका किया, CM के वध करने से पहले टूटा रावण का सिर

देशभर के साथ बिहार में भी दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है। पटना के गांधी मैदान में बिहार का सबसे ऊंचा 80 फीट का रावण बनाया गया, वहीं पटना के गांधी मैदान में हल्की बारिश के बीच दशहरे के मौके पर रावण का पुतला दहन हुआ। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही सूबे के दोनों डिप्टी सीएम शामिल हुए। 

मौसम ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया
बता दें कि  मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले तेज बारिश के कारण रावण का सिर टूट गया था।दरअसल बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में विजयदशमी के मौके पर रावण दहन का आयोजन वर्षों से भव्य रूप से होता आया है लेकिन इस बार मौसम ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया। झमाझम बारिश और तेज हवाओं ने कार्यक्रम की चमक को फीका कर दिया, वहीं प्रशासन की ओर से कोई खास तैयारी नहीं दिखाई दी।

बारिश से  माहौल अस्त-व्यस्त 
दरअसल गांधी मैदान में लगभग आधे घंटे तक लगातार मूसलाधार बारिश हुई। तेज हवा के झोंकों के कारण रावण के पुतले का सिर गर्दन से टूटकर लटक गया। पुतले का कुर्ता और मेघनाथ के सीने का कपड़ा भी भीगने से फट गया। मंच से कार्यक्रम को संचालित करने की कोशिश की गई, लेकिन बारिश ने दर्शकों के उत्साह को ठंडा कर दिया। बता दें कि बारिश के कारण बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही मैदान छोड़कर लौट गए। जो लोग इंतजार करते रहे, वे भीगते-भीगते परेशान हो गए। कार्यक्रम स्थल पर छुपने या सुरक्षित रहने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी, जिससे माहौल अस्त-व्यस्त हो गया।

बारिश के बावजूद हजारों दर्शकों की मौजूदगी
बता दें कि गांधी मैदान केवल एक आयोजन स्थल नहीं, बल्कि यह राजधानी के धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का अहम केंद्र है। हर साल हजारों लोग यहां जमा होते हैं और यह आयोजन लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है।रावण दहन केवल बुराई के अंत का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह अच्छाई, सत्य और धर्म की जीत का संदेश भी देता है। विजयदशमी ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि असत्य और अन्याय पर हमेशा सत्य और धर्म की विजय होती है।