बिहार में एक लाख 23 हजार से अधिक वाहन मालिकों का रजिस्ट्रेशन लंबित, पटना में हजारों वाहन चालकों की बढ़ी मुसीबत
बिहार में सवा लाख से अधिक वाहन मालिकों का रजिस्ट्रेशन लंबित है, जिससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। पूरे राज्य में एक लाख 23 हजार से अधिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन अब तक लंबित है। अकेले राजधानी पटना में ही 13 हजार से ज्यादा वाहन मालिकों को अपने दस्तावेज़ के सत्यापन और ऑनर कार्ड के लिए विभागीय चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीं विभाग ने रजिस्ट्रेशन ...

बिहार में एक लाख 23 हजार से अधिक वाहन मालिकों का रजिस्ट्रेशन लंबित है, जिससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। अकेले राजधानी पटना में ही 13 हजार से ज्यादा वाहन मालिकों को अपने दस्तावेज़ के सत्यापन और ऑनर कार्ड के लिए विभागीय चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीं विभाग ने रजिस्ट्रेशन लंबित रखने वाले विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई का मन बनाया है।
गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन लंबित
जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में एक लाख 23 हजार से अधिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन लंबित है। इनमें पटना में 13 हजार से अधिक वाहन हैं। मुजफ्फरपुर में 8700, बेतिया में 670, मोतिहारी में 6500, छपरा में 5800, गया में 5700, समस्तीपुर में 5200, वैशाली में 4400, दरभंगा में 4300, रोहतास में 3900 से अधिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन का मामला फंसा हुआ है। गाड़ी बिक्री से संबंधित जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जा रहा है।
पोर्टल पर अपलोड करने में गंभीर लापरवाही
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि वाहन खरीदते समय मालिकों को कई जरूरी दस्तावेज़ दिए जाते हैं, लेकिन इन्हें राज्य के वाहन पोर्टल पर अपलोड करने में गंभीर लापरवाही हो रही है। टैक्स की जानकारी और मालिकाना हक़ के दस्तावेज़ समय से पोर्टल पर नहीं चढ़ाए जा रहे, जिससे सत्यापन की प्रक्रिया अटक गई है। परिवहन विभाग के अनुसार सत्यापन पूरा नहीं होने की वजह से न सिर्फ ऑनर कार्ड जारी नहीं हो पा रहे हैं, बल्कि कई मामलों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट भी लंबित है। स्थिति यह है कि कुछ लोगों को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी तक समय पर नहीं मिल रही. इसका सीधा असर गाड़ी के बीमा, चालान और फाइनेंस संबंधित प्रक्रिया पर पड़ रहा है।