तेज प्रताप यादव का ऐलान: तेजस्वी महुआ से लड़ेंगे..तो हम भी राघोपुर से लड़ जाएंगे,राजनीति और परिवार दोनों अलग-अलग
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और अपने परिवार से छह साल के लिए बाहर चल रहे लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर बड़ा राजनीतिक संकेत दिया है। तेज प्रताप पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वह वैशाली की महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। अब एक इंटरव्यू में तेज प्रताप ने कहा है कि अगर तेजस्वी यादव महुआ से चुनाव लड़ते हैं, तो वह भी राघोपुर से मैदान....

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और अपने परिवार से छह साल के लिए बाहर चल रहे लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर बड़ा राजनीतिक संकेत दिया है। तेज प्रताप पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वह वैशाली की महुआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। अब एक इंटरव्यू में तेज प्रताप ने कहा है कि अगर तेजस्वी यादव महुआ से चुनाव लड़ते हैं, तो वह भी राघोपुर से मैदान में उतरेंगे।
तेजस्वी राघोपुर से विधायक चुने गए थे
बता दें कि जब इंटरव्यू में तेज प्रताप यादव से पूछा गया कि तेजस्वी यादव के दो सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है। वो महुआ की सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। जिसके जवाब में तेज प्रताप ने कहा कि अगर तेजस्वी महुआ से लड़ेंगे, तो हम भी राघोपुर से लड़ जाएंगे। जब इस तरह का माहौल बनेगा, तब का तब देखा जाएगा। राजनीति और परिवार दोनों अलग-अलग हैं। बता दें कि तेजप्रताप द्वारा दिए गए इस बयान के बाद से लालू यादव की टेंशन बढ़ सकती है।बता दें साल 2015 में पहली बार तेज प्रताप महुआ से ही चुनाव जीते थे। हालांकि 2020 के चुनाव में समस्तीपुर जिले के हसनपुर से लड़े और जीते। वहीं तेजस्वी यादव ने 2015 में राघोपुर सीट से अपना पहला चुनाव जीता था। वहीं 2020 में भी तेजस्वी राघोपुर से ही विधायक चुने गए थे।
परिवार को जोड़ना चाहता हूं, लेकिन..."
महुआ सीट से आरजेडी के कैंडिडेट उतारने के सवाल पर तेज प्रताप ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वहां की जनता राजद प्रत्याशी को हराकर भेजेगी। उन्होंने कहा कि महुआ की जनता सब देख रही है। वहां मेडिकल कॉलेज किसकी वजह से बना है। रोड, अस्पताल की व्यवस्था हम किए। लड़-भिड़कर बनवाए, नहीं तो कहीं और शिफ्ट होने जा रहा था। हमारे तो मेनीफेस्टो में भी था। परिवार से दूर चल रहे तेज प्रताप ने कहा कि हम तो अपने तरीके से परिवार को एकजुट किए हैं। हम चाहते हैं कि बातचीत हो, सभी का सम्मान हो लेकिन जब उधर से ही कोई बात नहीं करेगा, तो हमारे ही आगे बढ़ने से कोई फायदा थोड़े ही है।