सेना सम्मान समारोह में भिड़े कांग्रेस कार्यकर्ता, शकील अहमद की अपील पर मचा हंगामा

कांग्रेस कार्यालय में सेना के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कार्यकर्ता आपस में बैठने को लेकर भिड़ गए। कार्यक्रम स्थल पर बैठे सैनिकों के लिए जगह नहीं होने की स्थिति में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि जवानों को बैठने के लिए जगह दें, लेकिन एक कार्यकर्ता इस पर बहस करने लगा और बोला कि पहले से इंतजाम किया ...

सेना सम्मान समारोह में भिड़े कांग्रेस कार्यकर्ता, शकील अहमद की अपील पर मचा हंगामा

कांग्रेस कार्यालय में सेना के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब कार्यकर्ता आपस में बैठने को लेकर भिड़ गए। कार्यक्रम स्थल पर बैठे सैनिकों के लिए जगह नहीं होने की स्थिति में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि जवानों को बैठने के लिए जगह दें, लेकिन एक कार्यकर्ता इस पर बहस करने लगा और बोला कि पहले से इंतजाम किया जाना चाहिए था।

 रक्षाबंधन के बाद से शुरू होगी यात्रा
इस दौरान माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया, हालांकि मामला जल्द शांत करवा लिया गया। कार्यक्रम में पुलवामा और पहलगाम हमले में शहीद हुए बिहार के जवानों के परिजनों को कांग्रेस की ओर से 1-1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई।वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने इस मौके पर कहा कि रक्षाबंधन के तुरंत बाद कांग्रेस की ओर से एक विशेष यात्रा की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह यात्रा चुनाव आयोग द्वारा लोगों के अधिकारों के हनन के खिलाफ होगी। यात्रा के माध्यम से आम लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों के लिए जागरूक किया जाएगा।

सत्ता पक्ष के लोग रोक नहीं पाएंगे
राजेश राम ने बताया कि इस यात्रा की अगुवाई खुद राहुल गांधी करेंगे, जो लगभग 17 दिनों तक बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे। यात्रा की शुरुआत कैमूर या सासाराम जिले से होगी।उन्होंने कहा, “इस बार राहुल गांधी एक राजनीतिक आंधी लेकर बिहार आ रहे हैं, जिसे सत्ता पक्ष के लोग रोक नहीं पाएंगे। इंडिया गठबंधन के प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के तमाम नेता इस अभियान में हिस्सा लेंगे।”राज्य में यात्रा रूट को लेकर सर्वे चल रहा है, और बहुत जल्द पूरा शेड्यूल जारी किया जाएगा। कांग्रेस का मानना है कि राहुल गांधी की यह यात्रा आने वाले चुनावों से पहले एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।