आरक्षण की मांग को लेकर सड़क पर उतरे तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर बोला जमकर हमला, कहा- गांधी मैदान में ज्वाइनिंग लेटर बांटने का आइडिया ...

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब बस कुछ महीने बाकी रह गए हैं। एक तरफ महागठबंधन कमर कस कर तैयार है तो दूसरी तरफ NDA ने फिर से सत्ता पाने के लिए किलेबंदी शुरू कर दी है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आरक्षण के मुद्दे पर सड़क पर उतर गए हैं।

आरक्षण की मांग को लेकर सड़क पर उतरे तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर बोला जमकर हमला, कहा- गांधी मैदान में ज्वाइनिंग लेटर बांटने का आइडिया ...
TEJSHWI YADAV

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब बस कुछ महीने बाकी रह गए हैं। एक तरफ महागठबंधन कमर कस कर तैयार है तो दूसरी तरफ NDA ने फिर से सत्ता पाने के लिए किलेबंदी शुरू कर दी है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आरक्षण के मुद्दे पर सड़क पर उतर गए हैं। 

नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला

वहीं 65 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर  धरने पर बैठे तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक गांधी मैदान में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा है। इसपर तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि गांधी मैदान में ज्वाइनिंग लेटर बांटने का आइडिया भी मेरा ही थी। उन्होंने  कहा कि 2020 के चुनाव में हमने कहा था कि सरकार बनी तो बेरोजगारी दूर करने के लिए 10 लाख सरकारी नियुक्तियां होंगी।

एकदिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में पटना जिला राजद की ओर से महागठबंधन सरकार के दौरान बढ़ाये गए 65 फीसदी आरक्षण को लागू किये जाने को लेकर एकदिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रविवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय के समक्ष आयोजित इस धरना में पार्टी नेताओं ने राज्य और केन्द्र की एनडीए सरकार पर आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं करने, कोर्ट केस में फसाने का आरोप लगाया। इस मौके पर पार्टी के सभी प्रमुख नेता मौजूद थे।

तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा था...

गौरतलब हो कि इससे पहले तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा था, 'हमारी सरकार द्वारा बिहार में बढ़ायी गई 65% आरक्षण सीमा को रोक देने से अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 16% आरक्षण का सीधा नुकसान हो रहा है जिससे इन वर्गों के 50,000 से अधिक युवाओं को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। TRE-3 शिक्षक नियुक्ति के तीसरे चरण में भी आरक्षण लागू नहीं होने से इन वर्गों के हजारों अभ्यर्थियों को हजारो नौकरियों का नुकसान हुआ।'