पटना में डॉक्टर बीएन चतुर्वेदी से मारपीट का मामला तूल पकड़ा; ट्रैफिक जमादार उपेंद्र साह निलंबित

पटना में NMCH के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएन चतुर्वेदी और उनके ड्राइवर पर हुए हमले ने पूरे राज्य में पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना का वीडियो वायरल होने और डॉक्टर समुदाय के कड़े विरोध के बाद ट्रैफिक जमादार उपेंद्र साह को एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने तत्काल निलंबित कर दिया।चौंकाने वाली बात यह है कि उपेंद्र साह कुछ सप्ताह पहले एक गर्भवती महिला को स्कूटर से धक्का देने वाली घटना में भी ....

पटना में डॉक्टर बीएन चतुर्वेदी से मारपीट का मामला तूल पकड़ा; ट्रैफिक जमादार उपेंद्र साह निलंबित

पटना में NMCH के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बीएन चतुर्वेदी और उनके ड्राइवर पर हुए हमले ने पूरे राज्य में पुलिस व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना का वीडियो वायरल होने और डॉक्टर समुदाय के कड़े विरोध के बाद ट्रैफिक जमादार उपेंद्र साह को एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने तत्काल निलंबित कर दिया।चौंकाने वाली बात यह है कि उपेंद्र साह कुछ सप्ताह पहले एक गर्भवती महिला को स्कूटर से धक्का देने वाली घटना में भी कैमरे में कैद हुए थे, लेकिन तब कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई थी।

वीडियो वायरल होते ही पुलिस की छवि पर उठे सवाल
बता दें कि जेपी सेतु पर हुई मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस विभाग की कार्यशैली को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई। डॉक्टरों ने इस घटना को न केवल बदसलूकी बल्कि सुरक्षा, सम्मान और संवेदनशीलता की सीधी अवहेलना बताया। सोशल मीडिया में भी पुलिस की भूमिका पर व्यापक आक्रोश देखने को मिला।गौरतलब हो कि डॉ. चतुर्वेदी ड्यूटी समाप्त कर अपने ड्राइवर राजकुमार के साथ जेपी सेतु से गुजर रहे थे, जहां भारी जाम लगा हुआ था। इसी दौरान एक ट्रक को गलत दिशा से हटाने को लेकर दारोगा उपेंद्र साह और डॉक्टर के बीच विवाद हो गया। मामला अचानक इतना बढ़ गया कि उपेंद्र साह ने डॉक्टर और उनके ड्राइवर पर हाथापाई शुरू कर दी। हमले में ड्राइवर राजकुमार गंभीर रूप से घायल हुआ, जबकि डॉक्टर को भी चोटें आईं। राहगीरों द्वारा बनाया गया वीडियो बाद में तेजी से वायरल हुआ और घटना को सार्वजनिक विमर्श के केंद्र में ला खड़ा किया।

थाने में शिकायत दर्ज कराने से रोका गया
हमले के बाद घायल ड्राइवर जब शिकायत दर्ज कराने थाने पहुँचा, तो उसे FIR लिखवाने से रोकने की कोशिश की गई और बताया गया कि मामला निपटा दिया जाएगा। यह बात सामने आते ही डॉक्टर समुदाय और अधिक भड़क गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(IMA) बिहार ने इसे डॉक्टरों की इज्ज़त, सुरक्षा और कार्यस्थल सम्मान का मुद्दा बताते हुए डीजीपी से मुलाकात की और दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी व त्वरित कार्रवाई की मांग रखी। डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के दबाव, वायरल वीडियो और बढ़ते जन आक्रोश को देखते हुए एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने तुरंत जांच करवाई। रिपोर्ट में जमादार उपेंद्र साह दोषी पाए गए, जिसके बाद उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया।एसएसपी ने साफ संदेश दिया है कि आम जनता या डॉक्टरों के साथ अभद्रता और हिंसा किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।वहीं यह कार्रवाई पुलिस प्रशासन की साख और जनता के भरोसे को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक मानी गई।क्योंकि लगातार दो वीडियो सामने आने के बाद जनता का भरोसा डगमगा रहा था।