इटावा सैंफई में अखिलेश यादव का बड़ा बयान बीजेपी पर जमकर निशाना साधा
उत्तर प्रदेश डेस्क : इटावा सैंफई अखिलेश यादव का आया बयान कहा भाजपा हारने जा रही है इस लिए बौखला रही है। जो हालात उत्तर प्रदेश में है अन्याय चरम सीमा पर पहुंच गया है। महंगाई और बेरोजगारी पहले से ही थी जो मौका उत्तर प्रदेश की जनता ने भाजपा को दुबारा दिया है। जनता आंकलन करती है तो सबसे ज्यादा दुःख इस सरकार मे जनता को मिल रहा है। तहसील से थाने और ऊपर तक कही भी सुनवाई नही है। जब सुनवाई नही हो रही है अधिकारी निर्णय नही ले पा रहे हैं तो आम आदमी को न्याय कैसे मिल पाएगा। जब अधिकारी भाजपा कार्यकर्ता के दबाब में काम करेंगे तो गरीब आदमी को न्याय नही मिल पाएगा,जिसका जीता जागता उदाहरण देवरिया की घटना है। 6 लोगो की जान चली गयी। उसमें अगर कोई दोषी है तो सरकार स्वयं दोषी है। और अब भाजपा उसमें राजनीति कर रही है। लेकिन राजनीति नही करनी चाहिए। अन्याय इतना ना करे जो लोग सहन ना कर पाए और लोग खड़े हो जाये आन्दोलन के लिए। सरकार के नाक के निचे अपराध हो रहा है। सुनने में आ रहा है कि भाजपा के लोग इससे राजनीतिक लाभ लेना चाहते है। ऐसे में अपराध बढ़ेगा।
जांच एजेंसियों के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा, जो सरकार में रहता है वो इन संस्थाओं का इस्तेमाल करता है। पहले भी हुई होंगी लेकिन आज भाजपा की सरकार है। भाजपा सरकार ने सभी सीमाएं लांघ दी है। वो अपने वोट बैंक और लोगो को अपमानित करने के लिए ईडी सीबीआई इनकम टैक्स का सहारा ले रही है। अगर भाजपा जीरो टालरेंस की बात करे तो सबसे पहले अपने नेताओं की संपत्ति की जांच कराए कि किसकी संपत्ति बढ़ी है। और अगर उनकी संपत्ति बढ़ी है तो वही कार्रवाई उनके ऊपर भी करे जो विपक्षियों के ऊपर कर रहे है। आज भाजपा बड़े बड़े भूमाफियाओं को पैदा कर रही है। लखनऊ कानपुर गोरखपुर समेत कई जिले में भाजपा के लोग कागजो से खिलवाड़ कर रहे है।
कानपुर की घटना के आरोपी को भाजपा के लोग बचा रहे है। कानपुर देहात में भी घटना हुई है सरकार को जांच कराकर कार्रवाई करनी चाहिए।आखिर जो लोग इस घटना के शिकार हो रहे है वो अधिकारियों को कितनी शिकायत दे चुके है। यह सरकार गरीब किसानों की नही बड़े बड़े उधोगपतियों की है। बीजेपी की बस एक हीं मंशा है कैसे उद्योगपतियों को लाभ मिल सके। 2 हजार के नोट जमा करने की तारीख को भाजपा ने बढ़ा दिया ऐसे में सीधा सवाल है कि क्या उनके लोगो के पूरे रुपये अभी जमा नहीं हुए हैं।
रिपोर्ट : कुमार कौशिक / राम कुमार राजपूत