बिहार चुनाव 2025: तेज प्रताप यादव बोले-दादी सर्वोपरि हैं... सभी का आशीर्वाद हो.. तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं लगती

बिहार विधानसभा चुनाव में एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक क्षण उस समय देखने को मिला जब जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने पहुंचे। परंपरा से हटते हुए, वे अपने माता-पिता के साथ नहीं बल्कि अपनी दिवंगत दादी मरछिया देवी की तस्वीर को हाथ में लेकर नामांकन करने पहुंचे।‎नामांकन प्रक्रिया के दौरान तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा  "ये हमारी दादी हैं, ये हमारे साथ हैं। दादी.....

बिहार चुनाव 2025: तेज प्रताप यादव बोले-दादी सर्वोपरि हैं... सभी का आशीर्वाद हो.. तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं लगती

बिहार विधानसभा चुनाव में एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक क्षण उस समय देखने को मिला जब जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव महुआ विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल करने पहुंचे। परंपरा से हटते हुए, वे अपने माता-पिता के साथ नहीं बल्कि अपनी दिवंगत दादी मरछिया देवी की तस्वीर को हाथ में लेकर नामांकन करने पहुंचे।‎नामांकन प्रक्रिया के दौरान तेज प्रताप यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा  "ये हमारी दादी हैं, ये हमारे साथ हैं। दादी सर्वोपरि हैं। उनका आशीर्वाद लेकर ही चुनावी रणभूमि में उतर रहा हूं।"

भावनात्मक जुड़ाव और राजनीतिक संदेश
‎तेज प्रताप ने आगे कहा कि उनकी दादी मरछिया देवी उन्हें बेहद प्रिय थीं और आज भी उनके मार्गदर्शक के रूप में उनके साथ हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वृंदावन से उनके गुरु भी उनके साथ मौजूद हैं।‎ बता दें कि तेज प्रताप की यह रणनीति भावनात्मक जुड़ाव के साथ-साथ एक मजबूत राजनीतिक संदेश भी देती है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि "मां-बाप, गुरु और दादी — जब इन सभी का आशीर्वाद हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं लगती।" तेज प्रताप ने कहा कि दादी सर्वोपरि हैं, इसीलिए उनका आशीर्वाद साथ लेकर नामांकन करने आए हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि वृंजदावन से आए गुरु भी उनके साथ मौजूद हैं। तेज प्रताप ने कहा कि महुआ के लोग उनको पुकार रहे हैं, इसीलिए वह वहां जा रहे हैं।

‎वहीं जब मीडिया ने पूछा कि क्या वे माता-पिता से भी आशीर्वाद लेंगे, तो तेज प्रताप ने अपनी दादी की तस्वीर दिखाते हुए जवाब दिया "देखिए, मां से आशीर्वाद ले लिया है।"‎बता दें कि तेज प्रताप यादव पहले भी महुआ से विधायक रह चुके हैं, और अब अपने नये राजनीतिक दल जनशक्ति जनता दल के बैनर तले एक बार फिर ताल ठोक रहे हैं। इस बार मुकाबला ज्यादा दिलचस्प इसलिए हो गया है क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल से अलग होकर नई राजनीतिक राह चुनी है।