बिहार परिवहन विभाग का बड़ा प्लान,युवाओं को सीधे विदेश में रोजगार,शुरू होगी लेफ्ट हैंड ट्रेनिंग
बिहार परिवहन विभाग नए साल में युवाओं के लिए रोजगार की नई संभावनाएं खोलने जा रहा है। नए साल में बिहार परिवहन विभाग एक ऐसी दूरदर्शी पहल शुरू करने जा रहा है, जो राज्य के युवाओं को सीधे अंतरराष्ट्रीय नौकरी बाजार से जोड़ेगी। विदेशों में इस्तेमाल होने वाली लेफ्ट हैंड ड्राइव (बाईं ओर स्टेयरिंग) गाड़ियों का प्रशिक्षण अब बिहार में ही दिया जाएगा।। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को सिर्फ ड्राइविंग सिखाना....
बिहार परिवहन विभाग नए साल में युवाओं के लिए रोजगार की नई संभावनाएं खोलने जा रहा है। नए साल में बिहार परिवहन विभाग एक ऐसी दूरदर्शी पहल शुरू करने जा रहा है, जो राज्य के युवाओं को सीधे अंतरराष्ट्रीय नौकरी बाजार से जोड़ेगी। विदेशों में इस्तेमाल होने वाली लेफ्ट हैंड ड्राइव (बाईं ओर स्टेयरिंग) गाड़ियों का प्रशिक्षण अब बिहार में ही दिया जाएगा।। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को सिर्फ ड्राइविंग सिखाना नहीं, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरी के लिए तैयार करना है।
विदेशों में ड्राइवरों की मांग, बिहार से मिलेगा समाधान
बता दें कि दुनिया के कई देशों में वाहन बाईं ओर स्टेयरिंग के साथ चलते हैं, जबकि भारत में दाईं ओर स्टेयरिंग का सिस्टम है। इसी अंतर के कारण कई बिहारी युवा विदेश में ड्राइवर की नौकरी से वंचित रह जाते हैं। परिवहन विभाग ने इस जरूरत को समझते हुए लेफ्ट हैंड ड्राइविंग का विशेष प्रशिक्षण शुरू करने का फैसला किया है।परिवहन विभाग के सचिव राज कुमार के अनुसार, विदेशों में कुशल ड्राइवरों की मांग तेजी से बढ़ रही है और बिहार के युवा इस क्षेत्र में आगे आने को तैयार हैं।
बिहार में बनेगा पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर का ड्राइविंग ट्रैक
राज्य में पहली बार लेफ्ट हैंड ड्राइविंग के लिए विशेष ड्राइविंग ट्रैक तैयार किया जाएगा। इसके निर्माण का काम जनवरी से शुरू होने की संभावना है। यह ट्रैक विदेशी सड़कों और ट्रैफिक नियमों के अनुरूप होगा, जिससे प्रशिक्षण लेने वालों को वास्तविक अनुभव मिल सके।अधिकारियों का मानना है कि इससे ड्राइविंग एक साधारण काम नहीं, बल्कि बेहतर करियर विकल्प के रूप में उभरेगा।
कई जिलों में खुलेंगे आधुनिक आवासीय प्रशिक्षण केंद्र
पटना के साथ-साथ मोतिहारी, सुपौल, नालंदा और बांका में भी आवासीय चालक प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे। फिलहाल पटना और औरंगाबाद में ऐसे केंद्र पहले से संचालित हैं।हर केंद्र पर लगभग 20 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसमें बड़ी राशि केंद्र सरकार की ओर से मिलेगी। यहां ड्राइविंग के साथ-साथ यातायात नियम, सड़क सुरक्षा और व्यावहारिक प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।इस योजना की खास बात यह है कि राज्य में बनने वाले छह प्रशिक्षण केंद्रों में से एक केंद्र पूरी तरह महिलाओं के लिए होगा।बता दें कि महिला ड्राईवरों को प्रशिक्षित कर परिवहन क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।













