चपरासी के कबूलनामा पर बिहार के SDO साहब गए जेल, 6 साल पहले लिया था रिश्वत 

चपरासी के कबूलनामा पर बिहार के SDO साहब गए जेल, 6 साल पहले लिया था रिश्वत 

PATNA : आप अगर बिहार के किसी भी विभाग में बड़े अधिकारी हैं, अगर आप सोचते हैं कि, आप रिश्वत लेकर बच जाएंगे तो यह गलत सोचते है, क्योंकि अदालत हमेशा सही इंसाफ करता है और देर से ही लेकिन सजा जरूर देती है. ऐसा ही एक मामला बिहार से सामने आया है. जहां एक भ्रष्ट अफसर आखिरकार 6 साल के एक केस में हवालात पहुंच गए. भ्रष्ट अफसर की पहचान विकास कुमार जायसवाल के रूप में की गई है. जो वर्तमान में पूर्णिया में वरीय उपसमाहर्ता के पद पर पदस्थापित हैंं, उनके खिलाफ निगरानी कोर्ट से गैर जमानती वारंटी जारी था. पटना हाई कोर्ट से उनकी अग्रिम जमानत की याचिका दो बार खारिज हो चुकी थी. निगरानी के विशेष लोक अभियोजक विजय भानू ने जानकारी दी है कि, गया के तत्कालीन एसडीओ विकास कुमार जायसवाल के चपरासी राजकुमार को 20हजार रिश्वत लेते हुए निगरानी ने पकड़ा था.

आपको बाटे दे, ये मामला वर्ष 2018 का है शिकायतकर्ता उनके कार्यालय में काम करवाने गया था. जिसके लिए शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग की गई थी. शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत निगरानी से की. ब्यूरो ने इस मामले की जांच की और सही पाया. विजिलेंस ने जब रेड किया तो एसडीओ के चपरासी राजकुमार 20 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ. पूछताछ में उसने बताया कि, वह एसडीओ विकास कुमार जायसवाल के लिए रिश्वत की रकम ले रहे थे. 

इसके बाद एसडीओ विकास कुमार जायसवाल को भी आरोपी बनाया गया. निगरानी ब्यूरो ने विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी. इसके बाद उनके खिलाफ गैर जामनतीय वारंट जारी किया गया. इसके बाद आरोपी अधिकारी ने पटना हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की. उच्च न्यायालय से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद उन्हें निगरानी अदालत में सरेंडर करना पड़ा. इसके बाद प्रभारी विशेष न्यायाधीश ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए बेउर जेल भेज दिया.

REPORT - DESWA NEWS