राघोपुर में भाई के खिलाफ मोर्चा: तेज प्रताप की पार्टी से प्रेम कुमार यादव चुनावी मैदान में
बिहार की राजनीति में एक बार फिर पारिवारिक टकराव सुर्खियों में है। राघोपुर विधानसभा सीट पर राजद नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दो बेटों के बीच राजनीतिक टकराव सामने आया है। तेज प्रताप यादव की पार्टी ,,........

बिहार की राजनीति में एक बार फिर पारिवारिक टकराव सुर्खियों में है। राघोपुर विधानसभा सीट पर राजद नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दो बेटों के बीच राजनीतिक टकराव सामने आया है। तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल ने राघोपुर से अपने ही छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ प्रेम कुमार यादव को उम्मीदवार बनाया है।
"तेजस्वी बाहरी, मैं स्थानीय हूँ": प्रेम कुमार यादव
जनशक्ति जनता दल के उम्मीदवार प्रेम कुमार यादव ने खुद को राघोपुर का स्थानीय निवासी बताया है और तेजस्वी यादव को "बाहरी उम्मीदवार" करार दिया ,प्रेम कुमार ने अपने पुराने नेता तेजस्वी यादव पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वे पहले आरजेडी में एक सक्रिय कार्यकर्ता थे लेकिन अब पार्टी की कार्यप्रणाली से निराश होकर बाहर आ गए। उन्होंने कहा "अब तेजस्वी यादव के पास पहुंचना ही नामुमकिन हो गया है। वो चंद चाटुकारों, बाहुबलियों और धनबल के लोगों के बीच घिरे रहते हैं। आम कार्यकर्ता की कोई सुनवाई नहीं है।"
सभी पार्टियों का संवैधानिक अधिकार
प्रेम कुमार के मुताबिक, तेजस्वी और जनता के बीच संवाद की कमी ने पार्टी को ज़मीन से काट दिया है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव के दौर को याद करते हुए कहा लालू जी के समय में दरवाज़ा हमेशा खुला रहता था। प्रेम कुमार यादव ने राघोपुर के लोगों से अपील की कि सभी राजनीतिक दलों को जनता के बीच जाने और अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी को भी चुनाव प्रचार से रोकने का प्रयास नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सभी पार्टियों का संवैधानिक अधिकार है ताकि जनता किसी भी समय अपने नेता से मिल सके।
विचारधारा की बात: लोहिया और कर्पूरी की राह पर
प्रेम कुमार यादव ने खुद को डॉ. राममनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा का अनुयायी बताया और कहा कि वो राजनीति में लोगों से सीधे जुड़ने में विश्वास रखते हैं, न कि चापलूसी और दरबारी संस्कृति में।उन्होंने साफ किया कि फिलहाल वे तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल में हैं और उसी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
राजद परिवार के भीतर गहराते मतभेद
वहीं राजनितिक विश्लेषकों की मानें तो तेज प्रताप यादव द्वारा तेजस्वी यादव के खिलाफ उम्मीदवार उतारना महज एक सियासी दांव नहीं, बल्कि राजद परिवार के भीतर गहराते मतभेदों का संकेत माना जा रहा है। राघोपुर, जो तेजस्वी यादव की पारंपरिक सीट रही है, वहां चुनौती देना सीधे-सीधे नेतृत्व पर सवाल उठाने जैसा है।यह मुकाबला अब सिर्फ दो उम्मीदवारों के बीच नहीं, बल्कि दो राजनीतिक सोच, दो राजनीतिक शैली और एक ही परिवार के भीतर घटते संवाद की भी कहानी बनता जा रहा है।