खगड़िया में भगवान श्रीराम और सीता ने दिया आवास प्रमाण पत्र का आवेदन, प्रशासन ने लिया तुरंत एक्शन
बिहार में सरकारी दस्तावेजों को लेकर एक बार फिर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। खगड़िया जिले में RTPS(राज्य पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन) के ज़रिए ऑनलाइन आवेदन प्रणाली का दुरुपयोग कर कुछ अजीबोगरीब नामों से निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया गया है। इस बार आवेदन में 'भगवान श्रीराम' और 'सीता' जैसे नामों का इस्तेमाल किया गया है।यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 'डॉग बाबू', 'कौआ' और 'ट्रैक्टर' जैसे नामों से निवास प्रमाण पत्र के आवेदन...

बिहार में सरकारी दस्तावेजों को लेकर एक बार फिर से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। खगड़िया जिले में RTPS(राज्य पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन) के ज़रिए ऑनलाइन आवेदन प्रणाली का दुरुपयोग कर कुछ अजीबोगरीब नामों से निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया गया है। इस बार आवेदन में 'भगवान श्रीराम' और 'सीता' जैसे नामों का इस्तेमाल किया गया है।यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 'डॉग बाबू', 'कौआ' और 'ट्रैक्टर' जैसे नामों से निवास प्रमाण पत्र के आवेदन सामने आ चुके हैं।
पहले ‘डॉग बाबू’ और अब ‘श्रीराम-सीता’
यह फर्जीवाड़ा खगड़िया जिले के चौथम, गोगरी और चित्रगुप्तनगर थाना क्षेत्र में सामने आया है। जिनमें आवेदक ने स्वयं का नाम भगवान श्री राम और सीता दर्ज कराया हैं। जब यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया तो आवेदनों को तुरंत अस्वीकृत कर संबंधित थानों में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई गई।प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि अगर यह मामला समय रहते पकड़ में नहीं आता, तो 'भगवान श्रीराम' के नाम पर भी आवासीय प्रमाणपत्र निर्गत हो सकता था, जैसा कि पहले ‘डॉग बाबू’ के मामले में हुआ था।
प्रशासन सख्त, FIR दर्ज
सदर आरओ शंभु कुमार ने जानकारी दी कि 12 दिसंबर 2024 को ‘कौआ’ नाम से एक आवेदन मिला था, जिसकी जांच केआधार पर 1 अगस्त 2025 को चित्रगुप्तनगर थाना में FIR संख्या 82/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम RTPS प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने और फर्जी दस्तावेजों पर रोक लगाने के लिए जरूरी है।ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को सख्त किया जा रहा है। अब सिस्टम में नामों की वैधता की अतिरिक्त जांच की जाएगी, ताकि सरकारी दस्तावेजों की विश्वसनीयता बनी रहे।