नीतीश सरकार के पर्यावरण मंत्री की कार 29 महीने से फैला रही प्रदूषण,परिवहन विभाग ने नहीं की कोई कार्रवाई

राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े कानून ला रही है लेकिन अब इन्हीं कानून की धज्जियां खुद जिम्मेदार उड़ाते नजर आ रहे हैं। हम किसी दूसरे राज्य की नहीं बल्कि बिहार की बात कर रहें हैं जहां सीएम नीतीश की सरकार है। यहां पर्यावरण विभाग के मंत्री की सरकारी वाहन का ही प्रदूषण प्रमाण पत्र करीब 29 माह से फेल

नीतीश सरकार के पर्यावरण मंत्री की कार 29 महीने से फैला रही प्रदूषण,परिवहन विभाग ने नहीं की कोई कार्रवाई
नीतीश सरकार के पर्यावरण मंत्री

राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े कानून ला रही है लेकिन अब इन्हीं कानून की धज्जियां खुद जिम्मेदार उड़ाते नजर आ रहे हैं। हम किसी दूसरे राज्य की  नहीं बल्कि  बिहार की बात कर रहें हैं जहां सीएम नीतीश की सरकार है। यहां पर्यावरण विभाग के मंत्री की सरकारी वाहन का ही प्रदूषण प्रमाण पत्र  करीब 29 माह से फेल है। वहीं जब इस मामले पर  राज्य के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉक्टर सुनील कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने इस बारे में अनभिज्ञता जताई।

गाड़ी का PUC सर्टिफिकेट 5 अक्टूबर 2022 से एक्सपायर

बता दें कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉक्टर सुनील कुमार जिस सरकारी गाड़ी(  BR01PM6164) से  लोगों को प्रदूषण रोकने और पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देते हैं, उसी का PUC सर्टिफिकेट 5 अक्टूबर 2022 से एक्सपायर है। वहीं परिवहन विभाग के रिकॉर्ड को माने तो पीयूसी खत्म होने के बाद अब तक इसका नवीनीकरण नहीं हुआ है फिर भी वह लगातार सड़कों पर दौड़ रही है लेकिन न तो परिवहन विभाग ने कोई कार्रवाई की और न ही मंत्री ने इसे सही कराने की जरूरत समझी।

सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही 

क्या यही है सुशासन जहां सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—जब खुद सरकार के मंत्री ही नियमों की अनदेखी करेंगे, तो जनता पर इसका क्या असर पड़ेगा? बता दें कि डॉक्टर सुनील कुमार बिहार शरीफ सीट से विधायक हैं।  कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार ने इन्हें अपनी मंत्रिमंडल में शामिल कर इनको वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग का मंत्री बनाया था। मंत्री बनने के बाद उन्हें सरकारी गाड़ी भी मिली। हैरानी की बात यह है कि विभाग की गाड़ी जो उन्हें मिली उसका प्रदूषण प्रमाण पत्र करीब 29 माह से फेल है।

सभी वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य 

ज्ञात हो कि भारत सरकार की तरफ से सभी वाहनों के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट को अनिवार्य किया गया है लेकिन बाबजूद इसके बिहार के पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग का खुद का वाहन का पीयूसी सर्टिफिकेट फेल पड़ा है। जानकारी के लिए बता दें कि पीयूसी के बिना वाहन चलाने पर दस हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है, साथ ही छह माह तक की जेल भी हो सकती है। वहीं, कुछ गंभीर मामलों में वाहन को जब्त भी किया जा सकता है।