मीडिया से बोले पवन सिंह -"नो कमेंट्स" जब पूछा गया पत्नी ज्योति सिंह पर सवाल, खेसारी पर बोले-पार्टी कहेगी तो करूंगा प्रचार
बिहार विधानसभा चुनाव का पारा तेजी से चढ़ चुका है। इस बार राजनीति के मैदान में नेताओं के साथ-साथ भोजपुरी सिनेमा के सितारे भी जोर आज़माइश में उतर चुके हैं।एक तरफ बीजेपी नेता और गायक-अभिनेता पवन सिंह, दूसरी तरफ भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव, और तीसरी ओर पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह — तीनों अलग-अलग राजनीतिक मोर्चे पर ताल ठोक....
बिहार विधानसभा चुनाव का पारा तेजी से चढ़ चुका है। इस बार राजनीति के मैदान में नेताओं के साथ-साथ भोजपुरी सिनेमा के सितारे भी जोर आज़माइश में उतर चुके हैं।एक तरफ बीजेपी नेता और गायक-अभिनेता पवन सिंह, दूसरी तरफ भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव, और तीसरी ओर पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह — तीनों अलग-अलग राजनीतिक मोर्चे पर ताल ठोक रहे हैं।
बिहार की राजनीति में इस बार सिनेमा की चमक साफ दिख रही है। पवन सिंह भाजपा (BJP) से जुड़े हुए हैं और पार्टी के स्टार प्रचारक के तौर पर चर्चा में हैं। खेसारी लाल यादव छपरा से राजद (RJD) के टिकट पर मैदान में हैं। वहीं, ज्योति सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी ताल ठोक दी है।तीनों की पार्टियाँ अलग-अलग हैं, लेकिन तीनों की चर्चाएँ एक साथ बिहार की राजनीति को गर्म कर रही हैं।
अब बिहारी कहलाना गर्व की बात है
वहीं भोजपुरी सुपरस्टार और गायक पवन सिंह ने लालू यादव के जंगल राज पर हमला बोला है और कहा है कि आप 15 साल के पहले का बिहार देख लीजिए और आज का बिहार देख लीजिए। उन्होंने राज्य के विकास की सराहना करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का समर्थन किया और कहा आज का बिहार 15 साल पहले वाले बिहार से बिल्कुल बदल चुका है। अब बिहारी कहलाना गर्व की बात है।वहीं जब उनसे खेसारी लाल यादव के खिलाफ चुनाव प्रचार को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा पार्टी आदेश देगी तो मैं जरूर प्रचार करूंगा।
“नो कमेंट्स”
वहीं दूसरी ओर मीडिया ने जब पवन सिंह से उनकी पत्नी ज्योति सिंह के काराकाट से चुनाव लड़ने पर सवाल किया, तो उन्होंने “नो कमेंट्स” कहकर बात टाल दी। जानकारी के लिए बता दें कि ज्योति सिंह इन दिनों काराकाट में ताबड़तोड़ प्रचार कर रही हैं। उन्होंने कहा, "पवन जी कहते हैं कि वो यहां के बेटे हैं, तो मैं भी यहां की बहू हूं। मैं सालभर से जनता के बीच हूं और जनता के भरोसे चुनाव लड़ना चाहती थीं।
नाम उनसे मिला तो बदनामी भी उन्हीं से मिली
वहीं नामांकन में पति का नाम नहीं जोड़ने को लेकर ज्योति ने कहा, "अगर मैं पवन जी का नाम डालती तो उनकी संपत्ति का भी खुलासा करना पड़ता। जब बात ही नहीं हो रही, तो वो कैसे संभव होता?" उन्होंने बताया कि शादी के बाद भी कागजात में पति का नाम नहीं जुड़ा, इसलिए दस्तावेजों में पिता का नाम ही दर्ज है।ज्योति ने कहा, "लोग कहते हैं कि पहचान पवन जी से मिली, तो बदनामी किस वजह से मिली? अगर नाम उनसे मिला तो बदनामी भी उन्हीं से मिली।" उनका कहना है कि वह अब विवाद पीछे छोड़कर जनता के लिए काम करना चाहती हैं।













