राजनीति टाइम पास नहीं.. मेरे लिए युद्ध है:,पुष्पम प्रिया का बड़ा बयान- पिता का नाम लालू यादव होता तो मेरे जीवन का ...,चेहरा नहीं, सोच देखे

बिहार की उभरती राजनीतिक चेहरों में शामिल द प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक इंटरव्यू में बड़ा  बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने शादी न करने का फैसला लिया है और अपना पूरा जीवन बिहार को समर्पित कर दिया है।उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का निर्णय हमारे जीवन का सबसे कठिन और बड़ा फैसला था। हमने सिर्फ करियर ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी बड़े त्याग किए हैं।अब मेरा जीवन बिहार के नाम समर्पित है। इस जन्म में शादी ....

राजनीति टाइम पास नहीं.. मेरे लिए युद्ध है:,पुष्पम प्रिया का बड़ा बयान- पिता का नाम लालू यादव होता तो मेरे जीवन का ...,चेहरा नहीं, सोच देखे
Pushpam Priya

बिहार की उभरती राजनीतिक चेहरों में शामिल द प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक इंटरव्यू में बड़ा  बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने शादी न करने का फैसला लिया है और अपना पूरा जीवन बिहार को समर्पित कर दिया है।उन्होंने कहा कि राजनीति में आने का निर्णय हमारे जीवन का सबसे कठिन और बड़ा फैसला था। हमने सिर्फ करियर ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी बड़े त्याग किए हैं।अब मेरा जीवन बिहार के नाम समर्पित है। इस जन्म में शादी नहीं करूंगी। बिहार के बच्चों का भविष्य संवारने के लिए खुद का परिवार नहीं बनाऊंगी। अगला जन्म मिला तो शायद शादी करूंगी, लेकिन इस जन्म में मेरा हर कदम बिहार के लिए होगा।ये बातें दरभंगा में द प्लूरल्स पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक इनटरभ्यू के दौरान कही। 

राजनीति टाइम पास नहीं, मेरे लिए युद्ध है
अपने बयान में उन्होंने एक तीखा राजनीतिक तंज भी कसा उन्होंने कहा कि 'अगर मेरे पिता का नाम लालू यादव होता, तो मेरे जीवन का फैसला अलग होता।'उन्होंने कहा बिहार की राजनीति मेरे लिए टाइम पास नहीं, यह मेरा युद्ध है। इसमें कुछ बलिदान जरूरी हैं। शादी कर लूं तो पूरे परिवार की जिम्मेदारी मेरे ऊपर होगी, तब मैं पूरी ईमानदारी से काम नहीं कर पाऊंगी। महिलाओं के ऊपर शादी के बाद ज्यादा जिम्मेदारी होती है।'पुष्पम प्रिया ने आगे कहा कि 'जब छोटी थी, तब शादी की बात सोचते थे। हर लड़का-लड़की ऐसा सोचते हैं, लेकिन राजनीति में आने के बाद मेरी प्राथमिकता बदल गई है। राजनीति मेरी लिए युद्ध है। इसके लिए मुझे त्याग करना होगा।'

लोग चेहरा देखकर वोट करते हैं, 
बिहार की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए पुष्पम प्रिया ने कहा यहां लोग चेहरा देखकर वोट करते हैं, विचार नहीं देखते। जाति और धर्म के नाम पर मतदान होता है, जबकि असली मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। जिस दिन हम एक सीट भी जीत लेंगे, उसी दिन अपना मास्क हटा देंगे। जनता को चाहिए कि चेहरा नहीं, सोच देखे। चेहरा तो पहले देखा ही है।वहीं राजद विधायक भाई वीरेंद्र और पंचायत सचिव के बीच हुए विवाद पर पुष्पम ने कहा:'अगर कोई जनप्रतिनिधि को जन सेवक नहीं पहचाते हैं तो यह लोकतंत्र का अपमान है। सचिव को प्रोटोकॉल का ख्याल रखना चाहिए।'जनता ने नेता को वहां तक पहुंचाया है। दोनों को समझने की जरूरत है। दोनों की मानसिकता में दिक्कत है। अगर काम में कमी है, तो धमकाना नहीं चाहिए  लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अपमान का बदला धमकी से लिया जाए। राजनीति में हर पार्टी में इस मानसिकता वाले लोग हैं। कहीं ज्यादा, कहीं कम है।