भागलपुर जेल में बंद RJD विधायक रीतलाल यादव की तबीयत बिगड़ी,पत्नी ने हत्या की साजिश का लगाया आरोप
राजद के तेजतर्रार नेता और दानापुर विधायक रीतलाल यादव की तबीयत सोमवार देर रात उस समय बिगड़ गई जब वे भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा के तृतीय खंड में बंद थे। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें तुरंत जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (JLNMCH), भागलपुर में भर्ती कराया गया। वर्तमान में उन्हें कैदी वार्ड में रखा गया है, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए ....

राजद के तेजतर्रार नेता और दानापुर विधायक रीतलाल यादव की तबीयत सोमवार देर रात उस समय बिगड़ गई जब वे भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा के तृतीय खंड में बंद थे। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें तुरंत जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (JLNMCH), भागलपुर में भर्ती कराया गया। वर्तमान में उन्हें कैदी वार्ड में रखा गया है, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
पत्नी का आरोप: सरकारी तंत्र से हत्या की साजिश
बता दें कि जेल से अस्पताल तक लाने की प्रक्रिया के दौरान पुलिसकर्मियों और विधायक के बीच कई बार नोकझोंक की स्थिति उत्पन्न हुई। इस पर विधायक की पत्नी ने आरोप लगाते हुए कहा कि आज मेरे पति को भागलपुर जेल में जान से मारने की साजिश की गई है। मैं पहले भी कहती रही हूं कि उन्हें जेल के अंदर या बाहर, हर जगह खतरा है। अब जो भी व्यक्ति रीतलाल यादव से मिलने की कोशिश कर रहा है, उस पर फर्जी केस ठोका जा रहा है। ये सब एक उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारी के इशारे पर हो रहा है।”
विधायक का बयान..
वहीं विधायक रीतलाल यादव ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि जेल प्रशासन मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। मुझे मेरी श्रेणी के अनुसार सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। मैं अनशन पर बैठा था, जिसे जबरन खत्म कराया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें बार-बार जेल कर्मियों द्वारा मानसिक दबाव में डाला जा रहा है, जिससे उनकी सेहत पर असर पड़ा है।
बिल्डर से रंगदारी मांगने का आरोप
गौरतलब हो कि बाहुबली छवि वाले विधायक रीतलाल यादव पर एक बिल्डर से रंगदारी मांगने का आरोप लगा था, जिसके बाद पटना पुलिस ने उनके आवास पर छापेमारी की थी। पुलिस के दबाव के कारण राजद विधायक रीतलाल यादव, उनके भाई टिंकू और उनकी पत्नी के भाई पिंकू समेत कई लोगों ने दानापुर अनुमंडल न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था। अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया था। फिर सुरक्षा कारणों से और प्रशासनिक निर्णय के तहत उन्हें बेऊर जेल से भागलपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।