तेज प्रताप यादव का 'बुलडोजर मॉडल' पर प्रहार, बिहार सरकार से तुरंत कार्रवाई रोकने की मांग
बिहार में नए गृह मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा लागू किए गए बुलडोजर मॉडल को लेकर सियासत तेज हो गई है। अवैध कब्जों के खिलाफ राज्य के कई जिलों—समस्तीपुर, नालंदा, सीतामढ़ी, पटना, आरा आदि—में तेजी से कार्रवाई की जा रही है। इसी को लेकर जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कड़ा विरोध जताया....
बिहार में नए गृह मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा लागू किए गए बुलडोजर मॉडल को लेकर सियासत तेज हो गई है। अवैध कब्जों के खिलाफ राज्य के कई जिलों—समस्तीपुर, नालंदा, सीतामढ़ी, पटना, आरा आदि—में तेजी से कार्रवाई की जा रही है। इसी को लेकर जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कड़ा विरोध जताया है।
सोशल मीडिया पर फूटा तेज प्रताप का गुस्सा
तेज प्रताप यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि सरकार बनने के तुरंत बाद शुरू हुए इस अभियान में गरीबों और वंचितों के मकान तोड़े जा रहे हैं। उन्होंने लिखा नीतीश सरकार में नये गृह मंत्री अपने पद को लेकर कुछ ज्यादा ही हतोत्साहित हैं। वे ये भी भूल गए हैं कि कल तक जिस जनता जनार्दन का गुणगान गाते थे, आज उन्हीं लोगों के घर परिवार उजाड़ रहे हैं।नालंदा, सीतामढ़ी, पटना, आरा जैसे अनेकों जिलों में पिछले दो दिनों से लगातार बुलडोजर से गरीब, दलित, वंचित समुदाय के लोगों के घर को जबरन तोड़ा जा रहा है।’
तेज प्रताप यादव ने यह भी लिखा...
आगे तेज प्रताप यादव ने यह भी लिखा, ‘हम सभी इस बात से भली भांति अवगत हैं कि नवंबर महीने से ही ठंड की शुरुआत हो जाती है। दिसंबर और जनवरी के महीने में तो कड़ाके की ठंड पड़ती है। इस ठंड के मौसम में किसी का घर टूटने का दर्द क्या होता है यह हम सभी समझ सकते हैं लेकिन नीतीश सरकार के नए गृह मंत्री यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस बुलडोजर प्रक्रिया से यहां की आम जनमानस के छोटे-छोटे बच्चे, महिलाओं और बुजुर्गों पर क्या बीत रही होगी।’
बिहार सरकार से बड़ी मांग
इतना ही नहीं तेज प्रताप यादव ने आगे अपने पोस्ट में बड़ी चेतावनी देते हुए बिहार सरकार से बड़ी मांग की है। तेज प्रताप ने लिखा, ‘हम नीतीश सरकार से मांग करते हैं कि बिहार में बढ़ती ठंड, गरीबी से लाचार और बेबस लोगों के आशियानों को तोड़ने से तत्काल प्रभाव से रोक लगाया जाए। साथ ही हम नीतीश सरकार से यह भी मांग करते हैं कि जिनके भी घरों को अब तक तोड़ा गया है उनकी रहने की उचित व्यवस्था सहित आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की जाए। नहीं तो गरीबों के आंखों से निकले आंसू और उनकी बद्दुआ से कोई नहीं बच पाएगा।समय आने पर एक-एक आंसुओं का हिसाब हमारी जनता-जनार्दन जरूर लेने का काम करेगी।’
समस्तीपुर से शुरू हुआ था ऑपरेशन
बताया जा रहा है कि सरकार के गठन के चंद घंटे बाद ही समस्तीपुर में इस ऑपरेशन की शुरुआत हुई थी। रेलवे स्टेशन के पास माल गोदाम चौक क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस और अतिक्रमणकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली थी। अब यह कार्रवाई कई अन्य जिलों में भी जारी है।













