बिहार चुनावी सरगर्मी के बीच लालू परिवार को बड़ी राहत, ‘जमीन के बदले नौकरी’ केस की सुनवाई 4 दिसंबर तक टली
बिहार विधानसभा चुनावी माहौल के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को लैंड फॉर जॉब मामले में सोमवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 10 नवंबर को निर्धारित सुनवाई को टालते हुए अब अगली तारीख 4 दिसंबर 2025 तय की है। अदालत ने कहा कि आरोप तय करने से पहले सभी दस्तावेज़ों और साक्ष्यों की गहन समीक्षा आवश्यक है, इसलिए फिलहाल आदेश स्थगित किया...
बिहार विधानसभा चुनावी माहौल के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को लैंड फॉर जॉब मामले में सोमवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 10 नवंबर को निर्धारित सुनवाई को टालते हुए अब अगली तारीख 4 दिसंबर 2025 तय की है। अदालत ने कहा कि आरोप तय करने से पहले सभी दस्तावेज़ों और साक्ष्यों की गहन समीक्षा आवश्यक है, इसलिए फिलहाल आदेश स्थगित किया जा रहा है।चुनावी मौसम में अदालत का यह फैसला लालू परिवार के लिए एक राजनीतिक राहत के रूप में देखा जा रहा है।
पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बताया
दरअसल, यह मामला सरकारी नौकरियों के बदले जमीन लिए जाने के भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है। CBI ने अपनी जांच में पाया था कि रेल मंत्रालय में नौकरी देने के बदले कई व्यक्तियों से जमीनें ली गईं। जिनका इस्तेमाल बाद में कथित रूप से परिवार और करीबी लोगों के हित में किया गया। CBI ने आरोप पत्र में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, तेजस्वी यादव, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव और अन्य के नाम शामिल किए हैं।राजद नेताओं ने इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बताया है। उनका कहना है कि विपक्ष लालू परिवार की बढ़ती राजनीतिक प्रभावशाली स्थिति से घबराया हुआ है। बता दें कि अब सभी की निगाहें 4 दिसंबर 2025 पर टिकी हैं। जब कोर्ट सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद महत्वपूर्ण फैसला सुना सकती है।
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है
जानकारी के लिए बता दें कि यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दायर करते हुए आरोप लगाया था कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने जमीन के बदले नौकरियां दीं, यानी जिन उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी दी गई, उनके परिवारों ने बदले में अपनी जमीन लालू परिवार या उससे जुड़े लोगों के नाम की।सीबीआई के अनुसार, इस दौरान रेलवे में नौकरी देने के नाम पर बिहार और झारखंड के कई लोगों से जमीन ली गई। इस मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कई लोगों पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं।













