बिहार चुनाव: तेज प्रताप यादव को वोटिंग के दिन लगा झटका, बूथ पर एजेंट नदारद, खाली टेबल देखकर हो गए सन्न

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान महुआ सीट पर एक हैरान कर देने वाली स्थिति देखने को मिली।जनशक्ति जनता दल (JJD) के उम्मीदवार और RJD सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव जब मतदान का जायजा लेने एक बूथ पर पहुंचे, तो वहां उन्हें अपनी ही पार्टी का पोलिंग एजेंट गायब मिला।यह नज़ारा देखकर तेज प्रताप कुछ पल के लिए सन्न रह गए। उनके समर्थकों में भी हड़कंप....

बिहार चुनाव: तेज प्रताप यादव को वोटिंग के दिन लगा झटका, बूथ पर एजेंट नदारद, खाली टेबल देखकर हो गए सन्न

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान महुआ सीट पर एक हैरान कर देने वाली स्थिति देखने को मिली।जनशक्ति जनता दल (JJD) के उम्मीदवार और RJD सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव जब मतदान का जायजा लेने एक बूथ पर पहुंचे, तो वहां उन्हें अपनी ही पार्टी का पोलिंग एजेंट गायब मिला।यह नज़ारा देखकर तेज प्रताप कुछ पल के लिए सन्न रह गए। उनके समर्थकों में भी हड़कंप मच गया और लोग आपस में चर्चा करने लगे कि यह अंदरूनी चूक है या किसी साजिश का नतीजा?

बूथ नंबर 225 पर नहीं था कोई एजेंट
बता दें कि घटना महुआ विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 225 की है।तेज प्रताप यादव अपने समर्थकों के साथ जब बूथ पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि अन्य सभी दलों के एजेंट मौजूद थे, लेकिन उनकी खुद की पार्टी JJD का टेबल खाली पड़ा था।तेज प्रताप कुछ देर तक वहीं खड़े रह गए, जबकि उनके समर्थक एजेंट की तलाश में इधर-उधर भागते और आवाज़ लगाते रहे। बावजूद इसके, काफ़ी देर तक एजेंट का कोई सुराग नहीं मिला।

चलो, अगले बूथ पर चलते हैं
स्थिति को संभालते हुए तेज प्रताप यादव ने समर्थकों को शांत कराया और कहा चलो, अगले बूथ पर चलते हैं, बाद में इसे देख लेंगे। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि महुआ की जनता उनके साथ है, और चाहे जितनी भी दिक्कतें आएं, उनकी जीत तय है।गौरतलब है कि तेज प्रताप यादव इस बार अपने भाई तेजस्वी यादव की पार्टी RJD के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।उन्होंने नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) बनाई है और महुआ सीट से किस्मत आज़मा रहे हैं।इस वजह से यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। एक ओरतेज प्रताप यादव अपनी पार्टी बनाकर  जनशक्ति जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं,तो वहीं इस चुनाव में उन्हें निवर्तमान राजद विधायक डॉ. मुकेश कुमार रौशन से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहीं एनडीए की तरफ से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के व्यवसायी-राजनेता संजय कुमार सिंह भी चुनावी मैदान में हैं । 

 जीत के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं
एक तरफ जहां तेजप्रताप अपनी जीत के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर चुनाव के सबसे महत्वपूर्ण दिन उनके अपने पोलिंग एजेंट का गायब हो जाना उनकी चुनावी रणनीति और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करता है।बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बृहस्पतिवार को 121 सीटों पर लगभग 65 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है। इस ऐतिहासिक मतदान ने लगभग 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन के बीच 'सुशासन बनाम सबको नौकरी' की जंग को निर्णायक मोड़ पर ला दिया है।