बिहार में ठंड, कोहरा और अव्यवस्था की तिहरी मार, बड़ा रेल हादसा टला
बिहार इस समय कुदरत की मार और प्रशासनिक अव्यवस्था—दोनों का सामना कर रहा है। तेज पछुआ हवाओं और घने कोहरे ने पूरे प्रदेश में ठंड को और तीखा बना दिया है। सुबह और शाम सिहरन बढ़ गई है, जबकि सड़कों से लेकर रेलवे पटरियों तक हालात लगातार चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं।इसी कड़ी में मंगलवार सुबह भोजपुर जिले में एक बड़ा रेल हादसा टल गया। आरा–सासाराम पैसेंजर ट्रेन उदवंतनगर के पास रेलवे ट्रैक पर पड़े भारी कृषि यंत्र रोटावेटर से जा टकराई। अचानक हुई इस टक्कर ..................
बिहार इस समय कुदरत की मार और प्रशासनिक अव्यवस्था—दोनों का सामना कर रहा है। तेज पछुआ हवाओं और घने कोहरे ने पूरे प्रदेश में ठंड को और तीखा बना दिया है। सुबह और शाम सिहरन बढ़ गई है, जबकि सड़कों से लेकर रेलवे पटरियों तक हालात लगातार चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं।इसी कड़ी में मंगलवार सुबह भोजपुर जिले में एक बड़ा रेल हादसा टल गया। आरा–सासाराम पैसेंजर ट्रेन उदवंतनगर के पास रेलवे ट्रैक पर पड़े भारी कृषि यंत्र रोटावेटर से जा टकराई। अचानक हुई इस टक्कर से ट्रेन में सवार यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई और कुछ देर के लिए हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए।
चंद मिनटों में खतरे से सामना
दरअसल आरा–सासाराम पैसेंजर ट्रेन सुबह 7:44 बजे आरा स्टेशन से रवाना हुई थी। मात्र 10 मिनट के भीतर ही 5/22 किलोमीटर उदवंतनगर के पास यह गंभीर घटना सामने आई। गड़हनी स्टेशन मास्टर एस.के. सिंह को कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि ट्रेन किसी वाहन से टकरा गई है। हालांकि घटनास्थल से सामने आई तस्वीरों में ट्रैक्टर नहीं, बल्कि रेलवे ट्रैक पर पड़ा रोटावेटर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है।
राहत की सांस, जनहानि नहीं
गनीमत रही कि इस हादसे में किसी भी यात्री के हताहत होने की खबर नहीं है और ट्रेन पटरी से उतरने से भी बच गई। हालांकि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एहतियातन ट्रेन को वहीं रोकना पड़ा। ठंड, घना कोहरा और अचानक ब्रेक लगने के कारण यात्रियों में डर और बेचैनी साफ झलक रही थी। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भविष्य में बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं
यात्रियों का कहना है कि आखिर इतनी भारी कृषि मशीन रेलवे ट्रैक तक कैसे पहुंची? क्या यह लापरवाही का नतीजा है या फिर किसी बड़ी चूक की अनदेखी?फिलहाल रेलवे और स्थानीय प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है। ट्रैक पर रोटावेटर पहुंचने के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। लेकिन ठंड और कोहरे के इस मौसम में इस तरह की घटनाएं भविष्य में बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं, यदि सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त नहीं किया गया।













