पटना में जदयू ने 'याद करो जंगलराज के दिन' प्रदर्शनी लगाई, लालू शासनकाल पर हमला,कहा-पहले कानून बोलता नहीं था
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से तीन दिन पहले जदयू ने पटना में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी का शीर्षक रखा गया है – 'याद करो जंगलराज के दिन'। इसमें लालू प्रसाद यादव के शासनकाल के दौरान हुए अपराध, अपहरण और भ्रष्टाचार से जुड़ी घटनाओं को दर्शाया गया है।प्रदर्शनी में अखबारों की कटिंग के माध्यम से 1990 से 2000 के बीच बिहार में.....
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से तीन दिन पहले जदयू ने पटना में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी का शीर्षक रखा गया है – 'याद करो जंगलराज के दिन'। इसमें लालू प्रसाद यादव के शासनकाल के दौरान हुए अपराध, अपहरण और भ्रष्टाचार से जुड़ी घटनाओं को दर्शाया गया है।प्रदर्शनी में अखबारों की कटिंग के माध्यम से 1990 से 2000 के बीच बिहार में हुई प्रमुख घटनाओं को रखा गया है। इसमें 'भ्रष्टाचार की गाथा', 'अपराध की राजधानी', 'बिहार का पलायन काल' शामिल हैं।
पोस्टर में महिला का मुंह दबाते दिखाया
बता दें कि प्रदर्शनी में अखबारों की कटिंग के साथ ही लालू यादव को पोस्टर में महिला का मुंह दबाते दिखाया है। प्रदर्शनी में लालू शासनकाल के अखबारों की कटिंग लगाई है।वहीं अखबारों की कटिंग दिखाते हुए जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, 'लालू प्रसाद का शासनकाल जंगलराज नहीं, बल्कि आतंक राज था। ये हम नहीं बोलते तात्कालीन हाईकोर्ट और मीडिया बोलती है। बिहार भूलेगा नहीं लालूवाद का जंगलराज।'वहीं एक पोस्टर में लिखा गया है, वो दौर जब जातीय विद्वेष और बंदूक का शासन था.. भूलेगा नहीं बिहार, वो 118 नरसंहार, जहां इंसानियत रोई थी और सत्ता मुस्कुरा रही थी। नरसंहारों की चीखें आज भी बिहार की मिट्टी में गूंजती हैं। नरसंहार।
नीरज कुमार ने आगे कहा....
नीरज कुमार ने आगे कहा कि, 'लालू राज की प्रदर्शनी इसलिए लगाई है, क्योंकि तेजस्वी के प्रचार में राबड़ी गई, इससे कोई आपत्ति नहीं है। तेजस्वी के नामांकन में लालू-राबड़ी गए फिर भी कोई आपत्ति नहीं है लेकिन लालू यादव की तबीयत खराब होने के बावजूद वो रीतलाल के चुनाव प्रचार में गए तो यह साफ है कि लालूवाद का प्रतिनिधित्व कैसे होगा।
पहले कानून बोलता नहीं था
नीरज ने कहा कि, 'ये सारे दस्तावेज बताते हैं कि लालू राज आतंक राज था। लेकिन आज कोई नहीं कहेगा कि, मंत्री-विधायक का आवास अपराधियों का डेरा है। अगर पता चल जाए तो कार्रवाई हो जाएगी। ये नीतीश कुमार हैं। पहले कानून बोलता नहीं था। लोगों की चिता जलती थी। बेगुनाहों का कत्ल होता था।जानकारी के लिए बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण के लिए चुनाव प्रचार रविवार को खत्म हो जाएगा।बता दें कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में हो रहा है। पहले चरण में 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों पर वोटिंग हुई थी। वहीं, दूसरे चरण के 20 जिलों की 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोटिंग होगा और 14 नवंबर को नतीजे आएंगे।













