नीतीश कुमार का धार्मिक दौरा बना सियासी चर्चा का केंद्र — मतदान खत्म होते ही मंदिर, गुरुद्वारा और मजार पर पहुंचे मुख्यमंत्री

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों की वोटिंग पूरी हो चुकी है। रिकॉर्ड मतदान के बाद अब सभी की निगाहें 14 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को धार्मिक स्थलों के दौरे पर निकले, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। उन्होंने सबसे पहले पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में पूजा-अर्चना की, उसके बाद गुरुद्वारा में मत्था...

नीतीश कुमार का धार्मिक दौरा बना सियासी चर्चा का केंद्र — मतदान खत्म होते ही मंदिर, गुरुद्वारा और मजार पर पहुंचे मुख्यमंत्री

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों की वोटिंग पूरी हो चुकी है। रिकॉर्ड मतदान के बाद अब सभी की निगाहें 14 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को धार्मिक स्थलों के दौरे पर निकले, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं। उन्होंने सबसे पहले पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर में पूजा-अर्चना की, उसके बाद गुरुद्वारा में मत्था टेका और फिर एक मजार पर जाकर दुआ मांगी।

सियासी संदेश या व्यक्तिगत आस्था?
मुख्यमंत्री के साथ मंत्री अशोक चौधरी और विजय चौधरी भी मौजूद रहे। वहीं सीएम के दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं हैं।हालांकि मुख्यमंत्री के कार्यालय ने इस कार्यक्रम को उनकी व्यक्तिगत आस्था से जुड़ा बताया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इसे संदेश की राजनीति के तौर पर भी देख रहे हैं।नीतीश कुमार की यह यात्रा उनकी उस पहचान को और मजबूत करती है जिसमें वे सर्वधर्म समभाव और सामाजिक सौहार्द के प्रतीक माने जाते हैं।

एग्जिट पोल के सवाल पर नीतीश की मुस्कान
बता दें कि महावीर मंदिर से लेकर गुरुद्वारे और मजार तक जाना, बिहार की विविध धार्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक बताया जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह कदम चुनावी माहौल में संतुलित और सर्वसमावेशी राजनीति का संकेत देता है। पत्रकारों ने जब मुख्यमंत्री से एग्जिट पोल को लेकर सवाल किया, तो नीतीश कुमार ने मुस्कुराते हुए कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और गाड़ी में बैठकर रवाना हो गए। उनकी यह मुस्कान राजनीतिक हलकों में आत्मविश्वास का संकेत मानी जा रही है। कई विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश कुमार अपनी रणनीति और गठबंधन की स्थिति को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं।जानकारी के लिए बता दें कि 14 नवंबर की सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता में वापसी करेंगे या बिहार में नई राजनीतिक पटकथा लिखी जाएगी।