बिहार सरकार ने जारी किए जातिगत जनगणना के आंकड़े, 36% अत्यंत पिछड़ा, 27% पिछड़ा वर्ग...

बिहार सरकार ने जारी किए जातिगत जनगणना के आंकड़े, 36% अत्यंत पिछड़ा, 27% पिछड़ा वर्ग...

PATNA : 2 अक्टूबर 2023 में जहां पूरा भारत गांधी जयंती के रूप में मान रहा था. वहीं बिहार में 2 अक्टूबर को जाति आधारित गणना के आंकड़े को जारी कर दिया गया है. आपको बता दे, इस गणना के मुताबिक बिहार में हिंदुओं की सर्वाधिक आबादी है. ये आबादी 81.9986 फीसदी है. वहीं अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01 फीसदी, पिछड़े वर्ग की आबादी 27.12 प्रतिशत, SC-19.65 फीसदी, ST- 1.6 प्रतिशत और मुसहर की आबादी 3 फीसदी बताई गई है. इस रिपोर्ट का सियासी गलियारे के साथ आम लोगों को भी बेसब्री से इंतजार था. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इस रिपोर्ट को नीतीश सरकार का सबसे बड़ा दांव माना जा रहा है. बिहार सरकार की जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की कुल आबादी तेरह करोड़ से ज्यादा यानी 13,07,25,310 है.

 

इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सवर्ण एक तरह से काफी कम आबादी में सिमट गए हैं. आबादी के हिसाब से अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 फीसदी है. जिसकी संख्या 4,70,80,514 है वहीं पिछड़ा वर्ग 27.12 फीसदी है. जिनकी तादाद 3,54,63,936 है. जबकि अनुसूचित जाति के 19.6518% हैं, इनकी आबादी 2,56,89,820 है. वहीं अनुसूचित जनजाति की आबादी 21,99,361 है. जो कि कुल आबादी का 1.6824% है. अनारक्षित यानी जनरल कास्ट, जिसे सवर्ण भी कह सकते हैं, की आबादी 2 करोड़ 02 लाख 91 हजार 679 है, ये बिहार की कुल आबादी का 15.5224 प्रतिशत है.

 

इस रिपोर्ट में नीतीश सरकार ने कुल 215 जातियों का आंकड़ा जारी किया है. इन आंकड़ों के मुताबिक बिहार में जाति के हिसाब से जनसंख्या इस तरह से है- यादव- 14. 2666 फीसदी, मुसलमान- 17. 7088 फीसदी, भूमिहार- 2.8683 प्रतिशत, मल्लाह- 2.6086 फीसदी, कुर्मी- 2.8785 फीसदी, कायस्थ- 0.60 फीसदी, बनिया- 2.3155 फीसदी, कुशवाहा- 4.2120 फीसदी, ब्राह्मण- 3.6575 प्रतिशत, मुसहर- 3.0872 प्रतिशत और राजपूत- 3.4505 प्रतिशत है.

 

 

REPORT – KUMAR DEVANSHU